L19/Desk: झारखंड के शहरी स्थानीय निकायों में होल्डिंग टैक्स कम करने की तैयारी चल रही है । होल्डिंग टैक्स की समीक्षा के लिए स्टेट अरबन डेवलपमेंट अथोरिटी (सूडा) के निदेशक अमित कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी ने टैक्स की गणना करने के लिए नया फॉर्मूला लागू करने की अनुशंसा की है। इससे होल्डिंग टैक्स में 15 फीसदी की कमी हो सकेगी ।
अब जिला स्तर की जगह प्रमंडल स्तर पर सभी जिलों की जमीन का सर्किल रेट का औसत निकालने और उसमें औसत रेट का 20 फीसदी अतिरिक्त जोड़कर टैक्स की अधिकतम दर तय करने की बात कही गई है।
नये फॉर्मूले के तहत निकायों के वर्तमान होल्डिंग टैक्स तय दर से अधिक होगी, वहां नए फॉर्मूले से निकाले गए टैक्स के बराबर किया जाएगा। जहां वर्तमान टैक्स नई दर से कम होगा, वहां बदलाव नहीं होगा। नए फॉर्मूले से होल्डिंग टैक्स तय करने का प्रस्ताव अब कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। पिछले साल सरकार ने सर्किल रेट के आधार पर होल्डिंग टैक्स की राशि तय की थी। इससे टैक्स में काफी बढ़ोतरी हो गई थी। आवासीय भवनों का टैक्स 20 फीसदी तो व्यावसायिक भवनों का टैक्स 300 फीसदी तक बढ़ गया था। विधानसभा में विधायकों के विरोध के बाद टैक्स की समीक्षा के लिए कमेटी बनाई गई थी, जिसने नए फॉर्मूले की अनुशंसा की गयी ।
नए फॉर्मूले में होल्डिंग टैक्स 2023-24 से लागू किया जाएगा। यानी एक अप्रैल से लोगों को घटे हुए टैक्स का भुगतान करना होगा। जिन भवन मालिकों ने इस साल अधिक टैक्स का भुगतान किया है, उस अतिरिक्त् राशि का अगले वित्तीय वर्ष में समायोजन होगा।
राजधानी रांची में वार्ड नंबर 01 में अन्य सड़क पर स्थित 1000 वर्गफीट क्षेत्रफल के व्यावसायिक भवन का टैक्स 2016 रुपये और मुख्य सड़क के लिए 3456 रुपये था । अभी अन्य सड़क पर व्यावसायिक भवन के लिए 4434 रुपये और मुख्य सड़क पर स्थित भवन के लिए 7227 रुपये देने पड़ रहे हैं।
नगर निकाय क्षेत्र के वार्डों में जमीन का सरकारी मूल्यांकन मुख्य व अन्य सड़क और भवन की संरचना के आधार पर तय होता है। इसे ही सर्किल रेट कहते हैं। सर्किल रेट से भवन के क्षेत्रफल को गुणा करने पर संबंधित भवन का कैपिटल वैल्यू निकलता है।
आवासीय भवन पर इसी कैपिटल वैल्यू का 0.075 फीसदी और व्यावसायिक भवन पर 0.15 फीसदी होल्डिंग टैक्स लगता है। रांची के कई वार्डों में सर्किल रेट काफी अधिक है। ऐसे में होल्डिंग टैक्स में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई। जबकि जिन क्षेत्रों में सर्किल रेट कम है, वहां टैक्स पांच फीसदी घट गया था।
सर्किल रेट का निर्धारण निकाय क्षेत्र को मानने के बजाय पूरे प्रमंडल स्तर पर सर्किल रेट का निर्धारण किया जाए। मान लिया जाए कि दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल का सर्किल रेट निकालना है तो इसके लिए रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला और लोहरदगा जिले की जमीन का औसत सर्किल रेट निकाला जाएगा। रांची छोड़कर अन्य जिलों की जमीन का सर्किल रेट काफी कम है। ऐसे में औसत सर्किल रेट कम हो जाएगा। इसमें औसत का अतिरिक्त 20 फीसदी जोड़ने के बाद भवन के क्षेत्रफल से गुणा करके कैपिटल वैल्यू निकाला जाएगा। इसी आधार पर होल्डिंग टैक्स की गणना होगी।