L19 Desk : झारखंड के 27.88% लोगों ने ग्रीन राशन कार्ड ले तो लिया पर अनाज नहीं ले रहे हैं। जरा सोचिये जिस ग्रीन राशन कार्ड को बनाने के लिए लोग कितने तरह के पापड़ बेलते हैं.यहाँ-वहां हाँथ-पांव मारते हैं वही ग्रीन राशन कार्ड जब बन के हाथ में आ जाता है तो उसका इस्तेमाल ही नहीं करते हैं,तो आखिर क्या करते होंगे इस ग्रीन राशन कार्ड का?
देश और राज्य में कोई भी गरीब भूखा न रह जाये.जिसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार कई तरह की सरकारी योजनाओं को लागू करवाती है.वहीँ लागू की गई योजनाओं को सरकार की ओर से समय –समय पर जाँच भी करवाई जाती है,ताकि उनके द्वारा चलाये जा रहे पेंशन योजना,प्रधानमंत्री किसान योजना,राशन कार्ड जैसे अति महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ देश और राज्य के हर एक नागरिक को मिल सके.जिसमें अब राज्य के अन्दर एक चौकानें वाला सच सामने आ रहा है दरअसल,राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार और राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य सरकार झारखंड की 6.30 लाख ग्रीन कार्ड होल्डर्स,को अनाज उपलब्ध करा रही है.जिसमें से राज्य में 72.12% ग्रीन राशन कार्डधारी परिवार ही अनाज ले रहे हैं, जबकि 27.88% अनाज का उठाव नहीं कर रहे हैं.यह आंकड़ा पिछले तीन माह (अक्टूबर से दिसंबर 2024) का है। आपकी जानकारी के लिए बता दें लंबे समय से यही औसत सामने आ रहा है।
इसमें सोचने वाली बात तो यह है की अगर, 27.88% लोग अनाज नहीं ले रहे हैं, तो आखिर में ये लोग ग्रीन कार्ड लेकर,किसी और का हक क्यों मार रहे हैं?
क्या केवल इसलिए कि इस राशन कार्ड का आयुष्मान योजना से सीधा संबंध है, और इसलिए लोग हर हाल में राशन कार्ड रखना चाहते हैं.चाहे उन्हें अनाज मिले या न मिले? और अब राशन कार्ड रखने का एक और नया कारण जो मिल गया है क्यूंकि अब तो मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना भी इसमें शामिल हो गई है.
आपको बता दें राज्य सरकार ने ग्रीन राशन कार्ड योजना इसलिए लागू की थी ताकि राज्य के हर जरूरतमंद को अनाज मिल सके.लेकिन अब कुछ लोगों के द्वरा गरीबों को मिलने वाली इस योजना का भी गलत तरीके से प्रयोग कर लाभ लिया जा रहा है जो बहुत ही निदंनीय है,सरकार को इस पर तुरंत जाँच करवाने की आवश्यकता है.अगर किसी तरह का हेर-फेर हो रहा है तो ऐसे लोगों पर रोक लगाते हुए कारवाही करनी चाहिए.