L19 DESK : अगर हम कहें कि झारखंड के स्कूल संसाधन के मामले में देश के टॉप राज्यों में शामिल है तो आप शायद विश्वास नहीं कर पाएंगे लेकिन यह बिल्कुल सच है. दरअसल, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा यू डायस प्लस 2022-23 और साल 2023-24 की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. इस रिपोर्ट के माध्यम से देशभर के स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों से लेकर शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की संख्या की जानकारी दी गई है. जारी रिपोर्ट में एक ओर जहां झारखंड के लिए अच्छी खबर है तो दूसरी ओर बूरी भी. शुरुआत हमने अच्छी से कर दी है यह बताकर कि झारखंड के स्कूल संसाधनों के मामले में देश के टॉप राज्यों में शुमार है लेकिन अब बूरी खबर यह है कि जिस झारखंड के स्कूलों में संसाधनों की कमी नहीं है उसी झारखंड में शिक्षकों की भारी किल्लत है. शिक्षकों की संख्या के आधार पर बात करें तो झारखंड की स्थिति देश में सबसे खराब है. देश में जहां औसतन 25 बच्चों में एक शिक्षक है वहीं, झारखंड में 35 बच्चों पर एक शिक्षक यानी देश के औसतन आंकड़े से 10 ज्यादा.
खबर को विस्तार से समझाए उससे पहले हम आपको यह बता देते हैं कि संसाधनों में किन-किन चीजों को रखा जाता है. संसाधनों में स्कूल में शौचालय की व्यवस्था, बिजली की व्यवस्था, पानी की पहुंच, पुस्ताकालय यानी LIBRARY और पाठ्य सहगामी संसाधन मतलब स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ कराई जाने वाली अन्य गतिविधियां. इन सभी चीजों में तो झारखंड के स्कूल अवल हैं. लेकिन झारखंड में परेशानी शिक्षकों की है. आपको जानकर अच्छा लगेगा कि झारखंड के 97.6 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था है, वहीं, 92.4 प्रतिशत स्कूलों में बिजली की सुविधा है, 99 प्रतिशत स्कूलों तक पानी की पहुंच है और 94 प्रतिशत स्कूलों में LIBRARY तथा 76 प्रतिशत स्कूलों में पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में बच्चों को शामिल किया जाता है. लेकिन सबसे ज्यादा दुख की बात ये है कि इन स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. और हो भी क्यों ना. दरअसल, राज्य के प्राथमिक और हाई स्कूलों में पिछले नौ सालों में कोई नियुक्तियां हुई ही नहीं है.
पहले आपको हम एक आंकड़ा बताते हैं. राज्य के प्राथमिक, मध्य विद्यालय और हाई स्कूल में साल 2016 के बाद कोई नियुक्ति नहीं हुई है. इन विद्यालयों के लिए नियुक्ति की अंतिम विज्ञापन साल 2015-16 में जारी किया गया था. और इसी के आधार पर वर्ष 2022-23 तक शिक्षकों की नियुक्तियां हुई. हालांकि, राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालय में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग, JSSC द्वारा परीक्षा ली गई है लेकिन नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका विचाराधीन है और ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही शिक्षकों की नियुक्ति हो पाएगी.
बहरहाल, यू डायस प्लस की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के एक स्कूल में औसतन पांच शिक्षक कार्यरत हैं. वहीं, विद्यालयों में औसतन नामांकन की संख्या 161 है. झारखंड में हजारों ऐसे स्कूल भी हैं जहां महज एक शिक्षक है. एक शिक्षकों वाले स्कूलों की संख्या जो वर्ष 2022-23 में 7 हजार 6 सौ 42 थी वो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 8 हजार 3 सौ 53 हो गई. रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि राज्य में 199 स्कूल ऐसे हैं जहां कोई भी विद्यार्थी तो नहीं है लेकिन 398 शिक्षक कार्यरत हैं. इसके अलावा राज्य में 8 हजार 3 सौ 53 स्कूल ऐसे भी हैं जिनमें महज एक-एक शिक्षक हैं और छात्रों की संख्या 4 लाख से भी ज्यादा है. ये तो हुई आंकड़ों पर बात अब हम आपको बताते हैं कि शिक्षा का आधिकार अधिनियम यानी Right to Education Act के तहत क्या प्रावधान है. इसके तहत कक्षा एक से पांच में 60 बच्चों पर दो शिक्षक, 61 से 90 विद्याथी पर तीन, 91 से 120 विद्यार्थी पर चार शिक्षक और 121 से 200 विद्यार्थी को होने पर पांच शिक्षक रखने का प्रावधान है.