राँची:आजसू को काम सीट मिलने के चर्चा के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो मंगलवार की शाम अचानक दिल्ली चले गए। उनके दिल्ली रवाना होने की खबर मिलते ही भाजपा और आजसू खेमे में चर्चा गर्म हो गई। सुदेश महतो दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, झारखंड चुनाव के प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी सहित अन्य नेताओं से मुलाकात कर भाजपा के साथ विधानसभा चुनाव में गठबंधन पर चर्चा की। सुदेश महतो भाजपा से अधिक सीट चाहते हैं। लेकिन भाजपा अधिक सीटे देने को तैयार नहीं दिख रही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू द्वारा कम से कम 16 सीटों की मांग की गई थी। भाजपा इसके लिए तैयार नहीं हुई और अंत में गठबंधन टूट गया था। दोनों पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ी। जिसका नुकसान दोनों को हुआ और भाजपा सत्ता से दूर हो गई।सत्ता से बेदखल होने के बाद दोनों पार्टियों में बाद में फिर गठबंधन हो गया। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने गठबंधन के तहत आजसू को गिरिडीह सीट दी थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा आजसू के लिए रामगढ़, बड़कागांव गोमिया, डुमरी, सिल्ली और तमाड़ सीट छोड़ने पर सहमत है। आजसू इस बार इचागढ़ से भी चुनाव लड़ना चाहती है। और वहां के लिए प्रत्याशी की घोषणा भी कर दी है। भाजपा किसी हाल में इचागढ़ की सीट छोड़ना नहीं चाहती है। क्योंकि यहां भाजपा मजबूत स्थिति में है। 2014 के चुनाव में यह सीट भाजपा के पास थी।
ईचागढ़ विधानसभा सीट पर विवाद
इस बार के लोकसभा चुनाव में भी ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से रांची से भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ को 50000 से अधिक मतों की बढ़त मिली है। इसलिए भाजपा इस सीट को अपने लिए मजबूत मानती है। यहां से पूर्व विधायक रहे अरविंद सिंह को पार्टी ने टिकट के भरोसे ही भाजपा में शामिल किया।
आजसू की ओर से प्रत्याशि घोषित किए जाने पर भाजपा ने नाराजी जाहिर की है। इसकी शिकायत अमित शाह से भी की गई है। बिना गठबंधन हुए प्रत्याशी की घोषणा से भाजपा नाराज है।
इधर, मंगलवार को जैसे ही सुदेश महतो को यह खबर मिली की आजसू को भाजपा 6 या 7 सीट ही देने वाली है तो वह सक्रिय हो गए। केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के लिए तुरंत दिल्ली चले गए।