L19/Koderma : कोडरमा में एक रेस्ट्रां खुला है जहां कोई पैसे देने की जरुरत नहीं है, न ही जीएसटी नहीं लगेगी। लेकिन ये रेस्ट्रां आपके लिये नहीं है। ये गिद्धों के लिये है। जी हां गिद्धों के लिये पहली बार कोडरमा में नया रेस्ट्रां खुला है। इसे गिद्धों की घटती आबादी को रोकने के लिये वन विभाग के द्वारा खोला गया है। अब क्या है, कोडरमा में गिद्धों की आबादी 2008 से लेकर 2021 तक लगातार बढ़ रही थी। लेकिन 2023 तक आते आते उनकी संख्या घटनी शुरु हो गयी।
2021 तक जहां करीब 400 गिद्ध थे, वहीं अब केवल 150 के आसपास रह गये हैं। यही नहीं, भारत से लेकर पाकिस्तान, नेपाल तक में 10 सालों के बीच गिद्धों की संख्या में 95% तक की गिरावट देखने को मिली है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। क्योंकि गिद्ध जो हैं, वह मांसखोर होते हैं। ये मरे हुए पशु पक्षी का मांस खाकर पर्यावरण को साफ सुथरा करने काम करते हैं। यही इनका सबसे अजीज और सबसे लजीज खाना है।
सड़े गले मरे जानवर को खाकर ये लोग बहुत सारी बीमारियों और महामारी जैसे हैजा, रेबीज से बचाते हैं। फुड चेन में भी इनका अहम योगदान होता है। अब मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान को हम इंसान सीरियस ले, न लें, लेकिन गिद्ध लोग बढ़िया से इसका पालन करते हैं। इसी लिये इनको बचाना बहुत जरूरी है।
क्या क्या सर्विस है गिद्धों के लिये ?
अब आप सोंच रहे होंगे कि कोडरमा में जो नया रेस्ट्रां खुला है, इसमें गिद्धों के लिये क्या क्या सर्विस होगा। तो आपको बता दें कि जितनी सावधानी हम इंसानों के डीश के लिये किसी महंगे रेस्ट्रां में नहीं बरती जाती, उससे कई ज्यादा गिद्धों के लिये बरती जा रही है। इस रेस्ट्रां में गिद्धों को इनका सबसे टेस्टी डीश– मरे हुए जानवर परोसे जायेंगे।
इन जानवरों के शव गोशाला और नगरपालिका इलाके से लाया जायेगा। ये भी सुनिश्चित किया जायेगा कि ये शव हानिकारक दवाओं से मुक्त हों। इनके सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। वैसे इतने सुरक्षा का ध्यान इसलिये रखा जा रहा है, क्योंकि ये लोग आये दिन ऐसे वैसे मरे हुए जानवरों का शव खा जाते हैं, जिसमें कुछ हानिकारक दवा या केमिकल होते हैं जिससे इनकी जान को खतरा होता है।
जब जानवरों को बुखार लगता है, या सूजन होता है, उनके डॉक्टर उन्हें वैसे दवा देते हैं जिनमें डाइक्लोफेनाक नाम का केमिकल होता है, जो कि बैन है। तो जब गिद्ध इन जानवरों को खाते हैं, ये दवा उनमें भी चला जाता है, और उनके गुर्दे खराब होने से वे मौत की चपेट में आ जाते हैं। इसलिये इनकी संख्या दिन ब दिन घट रही है। इसे ही रोकने के लिये इनके लिये ये रेस्ट्रां खोला गया है। इसमें ये भी ध्यान रखा गया है कि कोई दूसरा जानवर यहां घुसकर खाने का लुत्फ न उठा ले। इसलिये यहां बांस की बाड़ लगायी गयी है।