L19 DESK : एक तरफ पूरे देश में इस साल लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं इस बार झारखंड में लोकसभा चुनाव के साथ साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं। लेकिन फिलहाल चर्चा का विषय ईडी बनी हुई है। पिछले साल तक ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के अलग अलग मामलों का खुलासा कर कई लोगों को सलाखों के पीछे भेजा है। इस बार ईडी की कार्रवाई और भी तेज हो गयी है। फिलहाल साहिबगंज के अवैध खनन मामले में ईडी ने 30 लोगों को एक साथ समन किया है। अब तक का यह सबसे बड़ा समन माना जा रहा है, जहां किसी जांच एजेंसी ने एक साथ 30 लोगों को समन जारी कर दिया हो।
किन्हें भेजा गया है समन ?
ये समन साहिबगंज के पत्थर कारोबारी खुदानिया ब्रदर्स सहित 30 लोगों को समन कर के ईडी कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया है।दरअसल, ईडी ने बीते 3 जनवरी को हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू, साहिबगंज डीएसपी राजेंद्र दुबे, डीसी रामनिवास यादव, आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह समेत अन्य लोगों के ठिकानों पर झाऱखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार और राजस्थान में छापा मारा था।
साहेबगंज में छापेमारी के दौरान विभिन्न बैंकों में मौजूद 30 खातों को ईडी ने फ्रीज करवाया था। खातों से जुड़े लोग अब ईडी की रडार पर हैं। अब इन सभी तीस खाताधारकों को ईडी ने समन भेजकर पूछताछ के लिये बुलाया है। इनसे 17 जनवरी से पूछताछ शुरु होगी। वहीं, फ्रीज खातों में जमा पैसों का प्रयोग फिलहाल नही किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि ईडी को अब तक ये जानकारी मिली है कि अवैध खनन मामले में किराये पर लिये गये खातों का भी उपयोग किया गया है। सेल कंपनियों के जरिये निवेश करने के सबूत भी छापेमारी के दौरान मिले हैं। इन खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है।
कौन हैं आर्किटेक्ट विनोद सिंह ?
आर्किटेक्ट विनोद सिंह को ईडी ने समन कर के आज ईडी ऑफिस बुलाया था, मगर वह नहीं गये। 3 जनवरी को विनोद सिंह के ठिकाने पर छापेमारी के दौरान 25 लाख रुपये कैश सहित कुछ अहम दस्तावेज बरामद हुए थे।
विनोद सिंह की बात करें तो वह सीएम हेमंत सोरेन के करीबी माने जाते हैं। पेशे से आर्किटेक्ट विनोद सिंह का रांची मेन रोड में ग्रिड कंसल्टेंसी नाम से फर्म है। रांची के पिस्का मोड़ में विनोद सिंह का आवास है। उनके पिता जेएन सिंह राज्य प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी हैं। विनोद सिंह का हाल के वर्षों में सत्ता के गलियारे में हमेशा नाम आता रहा है। बताया जाता है कि सरकार और सत्ता से जुड़े कई कामों में उनका नाम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से आता रहा है।
कहा ये भी जाता है कि वह बीआईटी मेसरा में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ पढ़े हैं, जहां से उनकी दोस्ती की शुरुआत हुई। फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ साथ विनोद सिहं भी ईडी के घेरे में आ गये हैं।
डीसी रामनिवास यादव भी ईडी के समन पर नहीं हुए हाजिर
इससे पहले 11 जनवरी को साहेबगंज डीसी रामनिवास यादव को भी ईडी ऑफिस में पूछताछ के लिये बुलाया गया था, मगर वह नहीं गये। सर्च ऑपरेशन में रामनिवास यादव के कैंप कार्यालय से तकरीबन 8 लाख रुपये नकद समेत कारतूस और खोखे मिले थे। साथ ही बड़े पैमाने पर कई दस्तावेज भी जब्त किये गये थे। इसके बाद ईडी ने खुलासा किया था कि साहिबगंज में 1000 करोड़ का नहीं बल्कि 1250 करोड़ का अवैध खनन हुआ है। ये अवैध धंधा जेल में बंद पंकज मिश्रा के इशारे पर हो रहा है।
इसी संबंध में पूछताछ के लिये उन्हें ईडी ने समन किया था, मगर उन्होंने भी समन को ठुकरा दिया। क्योंकि इससे पहले राज्य सरकार की ओर से सभी अफसरों कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बाहरी जांच एजेंसी के समन पर सीधा सीधा हाजिर नहीं होंगे, न ही कोई दस्तावेज पेश कर सकते हैं। इसके लिये उन्हें पहले राज्य सरकार के एसओपी यानि तय प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसी का हवाला देकर रामनिवास यादव ने ईडी चिट्ठी लिखकर कहा कि जब तक सरकार उन्हें अनुमति नहीं देती, तब तक वे जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं होंगे।
हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार पिंटू को कल होना है हाजिर
वहीं, इसके बाद कल 16 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू से भी पूछताछ की जानी है। अब देखना ये होगा कि कल पिंटू ईडी के सामने हाजिर होते हैं या फिर वह भी बाकियों की तरह ईडी के समन को ठुकरायेंगे। और इस प्रकरण पर ईडी आगे क्या कार्रवाई करती है।