L19/RANCHI : पुंदाग ओपी क्षेत्र के डुगडुगी गांव से चेन छिनतई की खबर आई है जिसका मास्टर माइंड मो साकिब उर्फ देवा है जिसे पुंदाग ओपी प्रभारी विवेक कुमार ने गिरफ्तार कर अरगोड़ा पुलिस को सौंप दिया। उसे भगाने में उसका साथ देने वाली पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। रिम्स में इलाज के दौरान उसकी सुरक्षा के लिए तैनाथ पुलिसकर्मियों को चकमा देकर वह फरार हो गया था। वह अपनी पहचान बदल कर पुंदाग में रह रहा था। उसने मकान मालिक को अपना गलत पता बताया था। कहा था कि वह वह बीमार है और इलाज के लिए राँची आया है।
पैर टूटे होने के कारण मकान मालिक ने उसकी बात मान ली और उसे किराये पर मकान दे दिया। जानकारी के अनुसार उसका इलाज आर्थो वार्ड में चल रहा था। रविवार की दोपहर एक्सरे कराने के नाम पर उसकी पत्नी और उसका एक सहयोगी उसे गोद में लेकर रिम्स से निकल थे। 24 नवंबर को अरगोड़ा पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के पहले पुलिस को चकमा देकर वह भाग रहा था। उसी समय वह गिर गया और उसका पैर फ्रैक्चर हो गया था। पुलिस ने उसे इलाज के लिए रिम्स के आर्थो वार्ड में भर्ती कराया था। रिम्स से भागने की प्राथमिकी बरियातू थाना में दर्ज की गयी थी, इसलिए अरगोड़ा थाना से उसे बरियातू थाना भेज दिया गया।
देवा पर राजधानी के विभिन्न थानों में छिनतई के 30 से अधिक मामले दर्ज हैं। देवा छिनतई करने वालों युवाओं को ट्रेनिंग देता है। वह युवकों को गले से चेन निकालने की बारीकियां सिखाता है। ट्रेंड हो जाने के बाद वह एक पुराने और नये लड़के को चेन छीनने के लिए भेज देता था। इस काम में जो युवक तेजतर्रार होते थे, वह उन युवाओं को सैलरी पर रख लेता था। सैलरी के रूप में युवकों को दो से पांच हजार रुपये देता था। देवा चेन के साथ पर्स, मोबाइल छीनने की भी ट्रेनिंग देता है। पूर्व सिटी एसपी हरिलाल चौहान के समय देवा की पत्नी को गिरफ्तार किया गया था। उस समय इन बातों का खुलासा उसने किया था। उसने बताया था कि देवा के गैंग के अपराधी चेन छिनतई कर उसे लाकर देते थे और वह उसे ठिकाने लगाती थी।