L19 Ranchi : एनटीपीसी क्षेत्र के प्रभावित गांवों में विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च का दावा किए जाते हैं। लेकिन एनटीपीसी के छह गांव के जमीन पर प्लांट खडा कर करोड़ों अरबों कमाने वाली पॉवर प्लांट के हकीकत कुछ और ही बया करती है। कई गांव में आज भी विकास की रोशनी नहीं पहुंच पाई है जो बड़ा आश्चर्य की बात है। परियोजना के आला अधिकारी कई दावे भी करते हैं। प्लांट से एक किलो मीटर के स्थित पर बसे नईपारन दुंन्दुआ गांव के लोग पानी,सड़क बिजली से वंचित हैं। यहां के लोगों के लिए जलमीनार तो बना तो दिया गया। पर जलमीनार कई वर्षों से खराब हो जाने के बाद लोगो के शिकायत के बाद भी संबंधित अधिकारी शुद्ध नहीं लेते हैं। जिसका खामियाजा गांव के लोगों को नदी कुआं का पानी-पीने के लिए विवश है।
मीडिया के कैमरे में कैद हुई तस्वीरें विकास के दावों को मुंह चिढ़ाती नजर आती है वही निर्मित जल मीनार फिलहाल हाथी का दांत साबित हो रहा है।और खासकर पानी का जुगाड़ करने में महिलाओं का घंटों समय बीत जा रहा है। जब घर के लोग की जिंदगी पानी की जद्दोजहद में ही गुजर जाती हो तो, फिर बच्चों की पढ़ाई लिखाई की कौन सोचे,सब भगवान भरोसे है। ताजा मामला एनटीपीसी परियोजना के विस्थापित नईपारम गांव में एनटीपीसी द्वारा बनाई गई जलमीनार कई महीनों से खबर पड़ा है। जिससे ग्रामीणों को पानी का किल्लत है। ग्रामीणों को पानी पीने के लिए कुंआ,नदी का सहारा लेने पड़ता है। ग्रामीणों ने एनटीपीसी से खराब पड़े जलमीनार को दुरुस्त कर बनाने की मांग के बाद भी एनटीपीसी द्वारा नहीं बनाई गई।
ग्रामीणों ने एनटीपीसी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एनटीपीसी की योजना पेपर का विकास के लिए जलमीनार लगा दी गई।पर देख-रेख के अभाव में खराब होने के बाद एनटीपीसी ना ही बनाती हैं ओर न ही सुध लेती है। ग्रामीणों ने निजी खर्च कर बनाने का निर्णय लिया है। पुराण महतो, गणेश यादव, बिनोद महतो, गुलाब महतो, हुलास यादव सहित अन्य ने निजी खर्च कर बनाने की बात कही है तथा सैकड़ों ग्रमीण उपस्थित थे।