L19/Ranchi : ईडी ने हाई कोर्ट में दाखिल अपनी सीलबंद रिपोर्ट में गुरुवार को ये जानकारी दी कि रांची के होटवार जेल में ईडी को नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र रचा गया है। यह साजिश पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश ने जेल के अधिकारियों के साथ मिलकर रची। ईडी की जांच को प्रभावित करने, ईडी के अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाने और ईडी के गवाहों को गवाही से मुकरने का दबाव बनाने, उन्हें रुपयों का लालच देने तक की जानकारी और सबूत ईडी ने अपनी रिपोर्ट में दी है। ईडी ने कोर्ट को ये भी बताया है कि उनके अधिकारियों की रेकी करने और नुकसान पहुंचाने के लिये नक्सलियों और अपराधियों तक से संपर्क करने की कोशिश हुई थी।
इसमें होटवार जेल के बड़ा बाबू दानिश रिजवान के मोबाइल का भी इस्तेमाल हुआ था, जिसे ईडी ने जब्त किया है। मोबाइल से ईडी के गवाहों को धमकाया गया था और उन्हें रुपयों का भी लालच दिया गया था, ताकि वे अपनी गवाही से मुकर जायें। ईडी ने कोर्ट को अपनी रिपोर्ट के माध्यम से यह भी बताया है कि जेल में सीसीटीवी फुटेज को भी नष्ट किया जा रहा था, ताकि साजिश से संबंधित कोई सबूत न रह जाये। ईडी के अधिकारियों को झूठे केस में फंसाने के लिये भी प्लान बनाया जा रहा था।
प्रेम प्रकाश जेल से ही अपना सिंडिकेट चला रहा था। वह जेल के बाहर के अपने सहयोगियों के माध्यम से ईडी के अधिकारियों को एससी एसटी केस में फंसाने के लिये प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी कर रहा था। इसकी शिकायत ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट के जरिये दी थी, जिसके बाद मंत्रालय ने ईडी अधिकारियों और ईडी ऑफिस की सुरक्षा बढ़ा दी है।
ईडी ने कोर्ट को ये भी बताया है कि होटवार जेल में बंद कुछ कैदियों ने ईडी को सचेत करने के लिये पत्र लिखा था। जेल प्रशासन ने पत्र भेजने के बजाय उसे जेल में भी दबा दिया। और अपने रजिस्टर में उसे डिस्पैच दिखाया। ईडी ने तीन नवंबर को जब जेल में छापेमारी की थी, तो वे पत्र वहां पड़े मिले। कैदियों द्वारा लिखे ऐसे कई पत्र मिले थे, जिसे बाहर भेजने के बजाय जेल प्रबंधन ने उन्हें जेल में ही दबा दिया।
गौरतलब है, जेल के भीतर कैदियों और जेल अधिकारियों की गठजोड़ को तोड़ने के लिये बीते दिनों राज्य की जेलों में 16 जेल अधीक्षकों औऱ 6 जेलरों के तबादला किया गया था। इसके बाद अब खबर ये भी आ रही है कि बड़े पैमाने पर जेल कर्मियों का भी ट्रांसफर किया जाना है। जेलों में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने वाले इन जेल कर्मियों पर जल्द कार्रवाई होगी।
इनमें एसिसटेंट जेलर, क्लर्क, और कक्षपालों के ट्रांसफर की तैयारी है। ऐसे कर्मियों के ट्रांसफर को लेकर कारा निरीक्षणालय में सूची तैयार हो रही है। इनमें से कई कर्मियों पर आरोप है कि ये जेल के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कैदियों को मदद पहुंचाते हैं औऱ उसके एवज में अवैध तरीके से मोटी कमाई करते हैं।
रांची के होटवार जेल में कार्यरत बड़ा बाबू दानिश रिजवान भी निरीक्षणालय के रडार पर हैं। उन्हें भी ट्रांसफर किया जायेगा। अपनी जांच के दौरान ईडी ने दानिश रिजवान की गतिविधियों को संदिग्ध पाया था। छानबीन में पता चला कि ईडी के गवाहों को धमकाने और ईडी अधिकारियों को फंसाने के लिये दानिश रिजवान के ही मोबाइल का इस्तेमाल हुआ था। वह अपना मोबाइल कैदियों को बात करने के लिये उपलब्ध कराता था। हालांकि, छानबीन में ये भी पता चला है कि दानिश रिजवान ने जेल के बड़े अधिकारियों के कहने पर ऐसा किया।