L19/Ranchi : शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी योगेंद्र तिवारी की रिमांड अवधि बढ़ने के बाद ईडी ने उनसे पूछताछ फिर से शुरु कर दी है। पूछताछ के दौरान योगेंद्र तिवारी से जमीन लूटने और ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित सबूतों के लेकर भी सवाल किये जा रहे हैं। हालांकि, किसी भी सवाल का वह स्पष्ट तौर पर जवाब नहीं दे रहे हैं।
अब तक ईडी की जांच में पाया गया है कि योगेंद्र तिवारी ने कुछ अफसरों को ट्रांसफर पोस्टिंग के लिये प्रेम प्रकाश से संपर्क कराया था। इसके बाद प्रेम प्रकाश ने ट्रांस्फर पोस्टिंग के लिये संपर्क में आये अफसरों से वसूली की थी। वहीं, ईडी ने देवघर के श्यामगंज थाना में 27, 413 स्क्वॉयर फीट जमीन हथियाने में सरकारी पदाधिकारी अमर प्रसाद की भूमिका पायी है।
जांच में ये बात निकलकर सामने आय़ी है कि जमीन के लिए लैंड पजेशन सर्टिफिकेट सीओ अमर प्रसाद ने 16 जनवरी 2020 की शाम 5.40 बजे ई-मेल पर डिप्टी सब रजिस्ट्रार को भेजा था। फाइल में यह एलपीसी 3 जुलाई 2019 को जारी की गई बतायी गई थी। हैरानी की बात यह है कि सीओ अमर प्रसाद ने एलपीसी ई-मेल करने के काफी पहले 14 अक्तूबर 2019 को ही तबादले के बाद सीओ का चार्ज अनिल कुमार सिंह को दे दिया था।
इस एलपीसी के जारी होने के बाद योगेंद्र तिवारी की कंपनी मेसर्स सारण अल्कोहल प्राइवेट लिमिटेड और ब्रज मोहन सिंह को जमीन की रजिस्ट्री हो गई थी। इस मामले में दर्ज केस में भी देवघर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, रायबंगला की जमीन के एक हिस्से पर भी कब्जा कर लिया।