L19 DESK : हमास द्वारा इज़रायल पर हुए हमले के मद्देनजर भारत में भी अब सुरक्षा व्यवस्था मजबूत किये जाने की तैयारी चल रही है। किसी तरह की आतंकी हमले या सीमाओं पर हरकत को रोकने के लिये ड्रोन्स की तैनाती की जा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अपनी सीमाओं पर सर्विलांस सिस्टम सेट कर रखा है। इसके तहत ड्रोन्स लगाये जा रहे हैं, ताकि निगरानी मजबूत रहे और तत्काल किसी भी तरह की हरकत का जवाब तत्काल दिया जा सके।
मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा अधिकारियों ने पिछले दिनों सर्विलांस से जुड़ी चीजें और ड्रोन्स तैयार करने वाली 6 कंपनियों के लोगों से मुलाकात की थी। अब इन कंपनियों को अगले महीने तक ऑर्डर मिल सकते हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते खराब चल रहे हैं। इसके अलावा लद्दाख में भारत और चीन की सेना का बड़े स्तर पर जमावड़ा कई सालों से बना हुआ है। यूक्रेन युद्ध के बाद ही केंद्र सरकार ने देश की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी और कुछ सुधारों पर कदम बढ़ाए थे। अब हमास के सरप्राइज अटैक ने इन सुधारों में तेजी के लिए प्रेरित किया है।
भारत के आगे इन दिनों ड्रोन वारफेयर भी एक चुनौती बना हुआ है। पंजाब से लेकर जम्मू तक पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन्स अकसर हथियार और ड्रग्स गिराते रहे हैं। भारतीय सेना को करीब डेढ़ साल का वक्त सीमा पर सर्विलांस सिस्टम को मुस्तैद करने में लगेगा। इसमें 500 मिलियन डॉलर सालाना का खर्च आ सकता है।
वहीं, जानकारी ये भी मिली है कि भारत का जोर स्वदेश में बने ड्रोन्स और तकनीक पर ही है। ऐसे में सीमा पर तैनात होने वाले ड्रोन्स और उनको सपोर्ट करने वाला सॉफ्टवेयर स्थानीय स्तर पर ही विकसित किया जाएगा। दरअसल भारत की हथियारों को लेकर रूस पर निर्भरता रही है। लेकिन अब भारत हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने का प्लान तैयार कर रहा है। इसके लिए 250 अरब डॉलर का बजट तय किया गया है। यह सर्विलांस सिस्टम तैयार होने के बाद भारत 14000 मील की अपनी सीमा की मजबूती से निगरानी कर सकेगा।