L19/Desk. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने मीडिया को कुछ वीडियो क्लीपिंग दिखाया. वीडियो क्लीपिंग में आइएएस राजीव अरुण एक्का और ब्रोकर विशाल चौधरी की प्रतिनिधि की तस्वीरें साझा की गयी। इसके बाद एक पत्र दिखाया गया, जिसमें राजीव अरुण एक्का की तरफ से जारी एक पत्र दिखाया गया। उन्होंने पूरे प्रकरण में सीबीआइ जांच करायी जाये। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से अपने प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को तत्काल निलंबित करने की मांग की। उन्होंने यहां तक कहा कि कार्रवाई नहीं होने से मुख्यमंत्री को जेल हो सकती है। फाइल निबटाने के दौरान पैसे मांगने का भी आरोप बाबूलाल मरांडी ने लगाया।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड के सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को गृह, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कौन लोग चला रहे हैं, यह वीडियो से स्पष्ट है। जब इडी ने एक ब्रोकर विशाल चौधरी के आवास में छापा मारा था, उस कार्यालय का यह वीडियो है। यह सीएमओ अथवा राजीव अरुण एक्का के कार्यालय में नहीं बना है। उन्होंने कहा कि एक दलाल के आवास में सरकारी कामकाज निबटाया जा रहा है। बेशर्मी की सीमा को भी राजीव अरुण एक्का ने तोड़ दिया है। झारखंडवासियों और देश वासियों के लिए यह शर्मनाक है, जिसमें यह पता चलता है कि कैसे एक लड़की आइएस अधिकारी से काम करा रही है। वह विशाल चौधरी की स्टाफ है। कोई सरकारी कर्मचारी नहीं है। बगल में ब्रोकर विशाल चौधरी बैठ कर अपने महिला कर्मी को डिक्टेट कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव महत्वपूर्ण पद पर बैठे हुए हैं। सीएम के प्रधान सचिव जिनके पास राज्य के प्रमुख विभागों का जिम्मा है, वह कैसे काम कर रहे हैं, यह वीडियो में स्पष्ट है. दूसरे विभागों में कैसे काम होता होगा, इसकी आप कल्पना कर सकते हैं। सत्ता के भ्रष्ट अफसर, नेता, ब्रोकर की मिलिभगत से टेंडर, ट्रांसफर पोस्टिंग का काम हो रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए. कोई भी ऐसे कारनामों को देख कर आश्चर्यचकित हो जायेंगे।
मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों का एके-47 एक ब्रोकर प्रेम प्रकाश के यहां मिलता है। मुख्यमंत्री के प्रधानसचिव अपने कार्यालय में नहीं बल्कि ब्रोकर के कार्यालय में फाइलों का निबटारा कर रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री इसकी जांच करायें। पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है। ऐसा व्यक्ति महत्वपूर्ण पद पर बने रहेंगे, तो राज्य की जनता को बचना मुश्किल हो जायेगा। जिले में कई खुंखार अपराधी और उग्रवादी जेलों में बंद हैं। मुख्यमंत्री के चहेते अफसर महत्वपूर्ण पद पर काबिज हैं। इसलिए हम यह मांग करते हैं सीएम से की तुरंत राजीव अरुण एक्का को पद से हटाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाये।
गृह विभाग से भी इनकी छुट्टी की जाये। राज्य की पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं कर सकती है। ऐसे में सीबीआइ को जांच का आदेश की अनुशंसा मुख्यमंत्री करें। उनके सरकारी अधिकारी लगातार पाप कर रहे हैं, जो पाप किया है, उसकी सजा तो मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इसमें संलिप्तता है।