L19 DESK : बिहार में हुए जातिय जनगणना के बाद अब झारखंड की राजनीति में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। पक्ष विपक्ष अपनी राय प्रस्तुत कर रहे हैं। हालांकि राज्य की सबसे बड़ी पार्टियां भाजपा और झामुमो ने इस पर चुप्पी साधी हुई है। वहीं, कांग्रेस, आजसू सहित अन्य दलों ने इसे लागू करने की मांग की है। इन पार्टियों का कहना है कि जनसंख्या के आधार पर हिस्सेदारी की बात होनी चाहिये।
बिहार में जातीय जनगणना के बाद आजसू की प्रतिक्रिया
आजसू के प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने जाति जनगणना के मुद्दे पर कहा कि हमारी पार्टी शुरु से ही जाति आधारित जनगणना की मांग कर रही है। बकौल भगत, हमने अपने महाधिवेशन में भी इस एजेंडा पर प्रस्ताव पारित किया था। हम समाज के ऊंचे और वंचित वर्ग को उनका अधिकार देने की बात करते हैं। झामुमो कहती है कि हेमंत है, तो हिम्मत है। अब राज्य सरकार हिम्मत दिखा कर इसे लागू करें। आबादी के आधार पर हिस्सेदारी की बात होनी चाहिये। जातीय जनगणना से विकास का मॉडल बना पाने में आसानी होगी। विकास जमीनी स्तर तक पहुंच पायेगा। राज्य सरकार को जातीय जनगणना करानी चाहिये।
केंद्र सरकार पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनका अधिकार नहीं देना चाहती है : कांग्रेस
जातीय जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पार्टी ने शुरु से ही जाति के आधार पर जनगणना की बात की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना होनी चाहिये। केंद्र सरकार पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनका अधिकार देना ही नहीं चाहती, इसलिये जातीय जनगणना को रोकने की कोशिश कर रही है। महिला आरक्षण कानून के प्रावधान में भी संशोधन की जरूरत है। एक बड़े वर्ग को अधिकार से वंचित किया जा रहा है। केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराये और हिस्सेदारी दे। राजेश ठाकुर ने कहा कि हम संगठन के अंतर्गत भी इसे लागू कर रहे हैं। संगठन में इसको लेकर विशेष कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं ताकि जमीनी स्तर से नेतृत्व हो सके।
बिहार की तर्ज पर झारखंड समेत अन्य राज्यों में जातीय जनगणना होनी चाहिए : राजद
प्रदेश राजद की ओऱ से भी बिहार में हुए जातीय जनगणना का स्वागत किया गया। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव हमेशा से जातीय जनगणना का समर्थन करते रहे हैं। इस संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। डॉ मनोज कुमार ने कहा कि बिहार की तर्ज पर झारखंड समेत अन्य राज्यों में भी जातीय जनगणना होनी चाहिये। क्योंकि जब तक जातीय जनगणना नहीं होती, तब तक महिला आरक्षण व परिसीमन व्यर्थ चला जायेगा। जातीय जनगणना को लेकर सभी राज्य सरकारों को पहल करने की जरूरत है।