L19 DESK : वित्तीय साक्षरता का वर्तमान युग में अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह हमें आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्थिर बनाता है। इसी को उद्देश्य समर्पित शिक्षकों को वित्तीय साक्षरता की बुनियादी बातों और वर्तमान परिदृश्य में प्रासंगिक डिजिटल उपकरणों के उपयोग के बारे में जागरूक करने के लिए सी०बी०एस०ई० दिल्ली के तत्ववाधान में जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के दयानंद ऑडिटोरियम में शिक्षकों के लिए ‘वित्तीय साक्षरता और डिजिटल उपकरणों का उपयोग’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें कुल 55 शिक्षकों ने भाग लिया।
वही रिसोर्स पर्सन प्रो० डॉ० रमन बल्लभ ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल उपकरणों के समुचित उपयोग का प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने बैंकिंग, डिजिटल भुगतान के तरीके, मोबाइल वॉलेट, स्वास्थ्य देखभाल योजना, वित्तीय योजना, भुगतान प्रणाली, जीवन बीमा कवरेज, सेवानिवृत्ति योजना के चरण आदि के बारे में क्या करें और क्या न करें के बारे में विस्तार से बात की। कार्यशाला में एसआईपी/शेयर/म्यूचुअल फंड का महत्व, जीवन बीमा और टर्म प्लान का निवेश और महत्व, धन और वित्त से कैसे निपटें, कहाँ निवेश करें और कहाँ नहीं, साइबर धोखाधड़ी और फ़िशिंग विशेष आकर्षण के केंद्र बने।
वही स्कूल के नोडल अधिकारी एल० एन० पटनायक ने शिक्षक प्रतिभागियों को मोबाइल में ही भागीदारी, ई-प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए सीबीएसई दिल्ली की ओर से दिए गए लिंक के माध्यम से ऑनलाइन फीड बैक जमा करने का सुझाव दिया। वही प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि वित्तीय साक्षरता हमारे लिए छोटी या बड़ी गलतियाँ ठीक कर देती है वहीं दूसरी ओर, वित्तीय रूप से निरक्षर होना उन गलतियों को गंभीर और अफसोसजनक बना देता है अतः रिटायरमेंट और भावी जीवन के लिए हमें वित्तीय प्लांनिंग ज़रूर करनी चाहिए।