L19 DESK : कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने लोकसभा और राज्यसभा से पारित नारी शक्ति मातृवंदन विधेयक को चुनावी जुमला और पाखंड बताया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए रागिनी नायक ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कई आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि मैं तो हमेशा से यह कहती आयी हूं कि मोदी रीति सदा चली आयी, जो कहे जाये, कभी न निभाये। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदैव से ही महिलाओं के आरक्षण और सशक्तिकरण का पक्षधर रही है।
उन्होने कहा कि 1931 के कराची अधिवेशन में कांग्रेस की तरफ से महिलाओं को समान अधिकार देने का प्रस्ताव पारित किया गया था, अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी ने यह बातें रखी थीं। इसमें यह कहा गया था कि आजादी के बाद भारत में महिलाएं पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम करेंगी, उनके लिए समान अधिकार प्रदत्त किये जायेंगे। इसके बाद 1989 में राजीव गांधी ने महिलाओं को आरक्षण और अधिकार देने की बातें कहीं।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल सिर्फ सात वोटों से गिर गया। यह यूपीए शासनकाल में लाया गया था। पर सात में से चार वे लोग थे, जिन्होंने महिला आरक्षण बिल के पक्ष में वोट नहीं किया, वो भाजपा के सांसद थे। इसमें एक स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, दूसरे लालकृष्ण अडवाणी, तीसरे रामजेठ मलानी और एक और भाजपा सांसद थे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि महिला आरक्षण बिल को लेकर 73वां और 74वां संविधान संसोधन विधेयक कांग्रेस ने ही लाया। अब पंचायतों की त्रिस्तरीय शासनव्यवस्था में 40 प्रतिशत महिलाएं चुन कर आ रही हैं। देश भर में 1 लाख महिलाएं पंचायतों और स्थानीय निकायों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
यह सब कांग्रेस की देन है। कांग्रेस शुरू से ही महिला आरक्षण की पक्षधर रही है। पर भाजपा वाले आडंबर कर रहे हैं। दिखावा कर रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव और 10 राज्यों की विधानसभा चुनाव में महिला आरक्षण के नाम पर मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं।