L19desk : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आर मुखोपाध्याय की बैंच में डबलिन यूनिवर्सिटी मिशन प्रापर्टी प्रोटेक्शन समिति की ओर से दायर याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की । सुनवाई के बीच कोर्ट ने तथ्य छिपाकर जनहित याचिका दाखिल करने पर नाराजगी जताते हुई संस्था के सचिव राजेश ए नंदी पर एक लाख का जुर्माना लगाया ।
अदालत ने राशि एक महीने के भीतर झारखंड एडवोकेट एसोसिएशन में जमा करने का आदेश दिया है । राजेश ए नंदी की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि डबलिन यूनिवर्सिटी मिशन ट्रस्ट की प्रापर्टी अस्पताल और स्कूल के लिए उपयोगी है । छोटानागपुर डायोसी ट्रस्ट एसोसिएशन हजारीबाग में संस्था की संपत्ति को अवैध तरीके से बेचा जा रहा है ।
सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि वर्ष 1930 में डबलिन यूनिवर्सिटी मिशन एक कंपनी बनाई गई, जिसका नाम डबलिन यूनिवर्सिटी मिशन ट्रस्ट एसोसिएशन था । संस्था की ओर से संपत्ति को बचाने के लिए हजारीबाग सिविल कोर्ट में एक सिविल सूट भी दाखिल किया गया है । यह जानकारी जनहित याचिका में नहीं दी गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुई जुर्माना लगाया ।