L19 DESK : स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में विश्वकर्मा योजना करने का ऐलान किया था। और इस योजना पर बुधवार को केंद्र सरकार ने स्कीम को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना पर मुहर लग गई। इसी दौरान पीएम ई-बस स्कीम पर भी मुहर लगाया गया। इसके तहत देश के 100 शहरों में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें चलाए जाने की तैयारी है। खासतौर पर विश्वकर्मा योजना को 2024 के आम चुनाव में सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
बता दे की रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने योजना पर मंजूर मिलने की सूचना दी। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत परंपरागत पेशों में जुड़े लोगों को मदद दी जाएगी। इसके तहत कुम्हार, लुहार, बढ़ई, सुनार, खिलौने तैयार करने वाले, मूर्तिकार, जैसे पेशों में जुड़े लोगों को लोन दिया जाएगा। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इसके बारे में बताते हुए कहा की इसके तहत लाभार्थियों को एक लाख रुपये तक का लोन मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लोगों को स्किल भी दी जाएगी। वहीं आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए 15 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
यही नहीं परंपरागत कामों में लगे लोगों को 1 लाख रुपये तक के लोन मिलेगा। इससे वे अपने काम को बेहतर तरीके से बढ़ा सकेंगे और इसका लोन अधिकतम 5 फीसदी ही रहेगा। उन्होंने कहा कि इस लोन के तहत बेहद आसान शर्तें होंगी। पहली बार में यदि कोई 1 लाख रुपये के लोन को नियमित तौर पर चुकाता है तो फिर आगे चलकर वह 2 लाख रुपये का भी लोन ले सकेगा। इस स्कीम के तहत प्रशिक्षण लेने वालों को प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा। इस स्कीम को स्किल इंडिया का ही विस्तार माना जा रहा है। इसके तहत सरकार परंपरागत पेशों के साथ तकनीक को जोड़ना चाहती है ताकि बड़ी संख्या में स्वरोजगार पैदा किए जा सकें।