L19/Ranchi : विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बुधवार को राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने जनजातीय समुदाय की विभिन्न हस्तियों व प्रबुद्धजनों से बातचीत किया। इस मौके पर कहा कि समाजहित में सक्रियता से कार्य करने के लिए सदैव प्रयासरत रहें। शिक्षित व ज्ञानवान समाज के निर्माण में अपनी अहम भागीदारी का निर्वहन करें। राज्यपाल ने कहा कि झारखंड वीरों की भूमि है। धरतीआबा भगवान बिरसा मुंडा समेत कई महान हस्तियों ने मातृभूमि और समाज के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। राज्यपाल ने कहा जनजातियों की कला, संस्कृति, लोक परंपरा और रीति-रिवाजों में जीवंतता है। पारंपरिक गीत और नृत्य बहुत आकर्षक होते हैं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न पंचायतों के भ्रमण के क्रम में देखा कि यहां आदिवासी समाज की महिलाएं परिश्रमी हैं। वे स्वयं सहायता समूह से जुड़ रही हैं, इससे जुड़ने के उपरांत उनके सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है। यहां के जनजाति समुदाय के लोग कई क्षेत्रों, विशेषकर कला, साहित्य और खेल के विभिन्न रूपों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड को लैंड ऑफ आर्चरी के रूप में जाना जाता है। यहां के विभिन्न खिलाड़ियों व एथलीटों ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है।
झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने कहा कि राज्यपाल द्वारा जनजातीय समुदाय के लोगों को आमंत्रित कर संवाद करना उल्लेखनीय प्रयास है। इस अवसर पर डॉ नारायण उरांव ने लोक गीत प्रस्तुत किया। सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी महादेव टोप्पो ने राज्यपाल को विभिन्न विषयों पर लिखित ‘सभ्यों के बीच आदिवासी’ एवं ‘आदिवासी विश्व चेतना’ पुस्तक भेंट की।