L19 DESK : जल संसाधन विभाग के 37 अभियंताओं पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अनुमति के बाद कार्रवाई शुरू हो जायेगी। ये वही अफसर हैं, जो ग्राम्य अभियंत्रण संगठन (आरइओ) के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के सिंडिकेट से जुड़े थे। इन चयनित अभियंताओं पर कार्रवाई की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इन सभी पर रांची, खूंटी, लोहरदगा, जमशेदपुर सहित अन्य जिलों की सिंचाई योजनाओं में वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप है। आठ साल से आरोपी इंजीनियर्स के खिलाफ मामला चल रहा है। इसमें 15 से ज्यादा इंजीनियर रिटायर हो चुके हैं। जल संसाधन विभाग के कई इंजीनियर दूसरे विभाग में योगदान दे रहे हैं। सीएम ने उनकी भी सूची मांगी है, जिनका मूल विभाग जल संसाधन है।
जानकारी के अनुसार वीरेंद्र राम सिंडिकेट से जुड़े एग्जीक्युटिव इंजीनियर गणेश राम (खूंटी), मुख्य अभियंता विवेकानंद मिश्र (आदित्यपुर), अशोक कुमार इइ, अधीक्षण अभियंता विश्वनाथ बोईपोई (इचागढ़), इइ (मेहरमा) भीम कुमार, रामेश्वर मिस्त्री जेई दुमका, रामअवतार ठाकुर एआई डिवीजन रांची, राजेंद्र रविदास एई जामताड़ा, राजेंद्र साजू जेई सिमडेगा, अरूण प्रसाद दास ईई, प्रमोद प्रसाद जेई, निरंजन उरांव, विरोद कुमार झा एमआई डिवीजन रांची, अमरनाथ सिंह ईई गिरिडीह, कृष्णानंदन सिंह, फलेश्वर पाठक जेई जमशेदपुर, जवादर प्रसाद मंडल जेई देवघर, धनुषधारी राय जेई देवघर, मथुरा प्रसाद जेई भंडरा ब्लॉक, अरूण कुमार सिंह ईई मेदिनीनगर, अशोक कुमार साहा जेई दुमका, कृष्ण देव नारायण सिंह ईई रांची, गणेश राम ईई खूंटी, राघवेंद्र चौधरी ईई खूंटी, सतीश चंद्र ईई रिटायर, विशंभर चौबे ईई रिटायर, बिजेंद्र प्रसाद सिन्हा ईई रिटायर, अशोक कुमार एई हुसैनाबाद, अनिल कुमार जेई जमशेदपुर, मो. सरफराज इंद्रपुरी, विश्वनाथ बोईपोई एसई ईचागढ़, शैलेंद्र कुमार मंडल ईई आदित्यपुर, रविकांत चौधरी एई लोहरदगा व राम इकबाल चौधरी एई जमशेदपुर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार को लेकर सख्त हैं। वह जल संसाधन विभाग के मंत्री भी हैं. उनके आदेश के बाद पहले से ही तीन वर्ष के दौरान हुई निविदाओं की जांच प्रकिया चल रही है। अब मुख्यमंत्री ने भ्रष्ट इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। उनके निर्देश के बाद जल संसाधन विभाग आरोपी इंजीनियरों की सूची तैयार कर रहा है. पहले चरण में 37 ऐसे इंजीनियरों की सूची सीएम को भेजी जाएगी, जिन पर आरोप तय होने के बाद भी वर्षों से कार्रवाई लंबित है। इनसे विभाग पहले ही पक्ष आदि ले चुका है।
बीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद सिस्टम अलर्ट हो गया है। इसके बाद से विभागीय जिम्मेवारों ने कई मामलों में विभागीय जांच में दोषी पाए गए इंजीनियर्स पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। 50 से ज्यादा दागी इंजीनियरों को निंदन की सजा दी जा चुकी है।. वहीं, कई के इनक्रीजमेंट, प्रमोशन रोकने से संबंधित प्रस्ताव तैयार कर अंतिम सहमति के लिए विभागीय मंत्री को भेजने की तैयारी है. सीएम को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में ऐसे इंजीनियर्स का भी नाम है, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए राशि रिकवरी से संबंधित कार्रवाई की अनुशंसा पहले हो चुकी है।