L19 : झारखंड मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार शाम को प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में होगी. बैठक में हेमंत सोरेन सरकार स्थानीय और नियोजन नीति के संशोधित प्रस्ताव को फिर से कैबिनेट में रखेगी. इसके अलावा सरकार आज श्रम विभाग के छह विधेयकों को वापस ले सकती है.
ये वैसे विधेयक हैं, जो पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के समय पारित हुए थे. सभी विधेयक झारखंड के राज्यपाल की ओर से राष्ट्रपति के सहमति के लिए भेजे केंद्र सरकार को भेजे गए थे. केंद्र ने बीते दिनों इन विधेयकों के कई प्रावधानों पर आपत्ति दर्ज की थी.
जिसके बाद आज इन विधेयकों को वापस लिया जाएगा. रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में पारित कराये गये प्रस्ताव, जिन्हें खारिज किया जा सकता है.
1 – द कॉन्ट्रैक्ट लेबर (रेगुलेशन एंड एबोलिशन) (झारखंड अमेंडमेंट) बिल 2015 : जुलाई 2015 में कैबिनेट स्वीकृति मिली. शीतकालीन सत्र 2015 में विधानसभा से पारित हुआ. मार्च 2016 को इसे राज्यपाल द्वारा केंद्र सरकार को भेजा गया.
2 – द बिहार इंडस्ट्रियल एस्टेब्लिशमेंट (नेशनल एंड फेस्टिवल हॉलिडे एंड कैजुअल लीव) झारखंड अमेंडमेंट बिल 2015 : अगस्त 2015 में कैबिनेट स्वीकृति मिली. शीतकालीन सत्र 2015 में विधानसभा से पारित हुआ. मई 2016 को इसे राज्यपाल द्वारा केंद्र् सरकार को भेजा गया.
3 – द झारखंड लेबर लॉ (अमेंडमेंट) एंड मिसलेनियस प्रोविजन बिल 2018 : मई 2018 में कैबिनेट स्वीकृति मिली. मॉनसून 2018 में विधानसभा से पारित हुआ. जनवरी 2019 को राज्यपाल द्वारा केंद्र् सरकार को भेजा गया.
4 – द इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट (झारखंड अमेंडमेंट) बिल 2018 : जनवरी 2018 में कैबिनेट स्वीकृति मिली. मॉनसून सत्र 2018 में विधानसभा से पारित हुआ. जनवरी 2019 को इसे राज्यपाल द्वारा केंद्र सरकार को भेजा गया.
5 – द झारखंड शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट (अमेंडमेंट) बिल 2018 : सिंतबर 2018 में कैबिनेट स्वीकृति मिली. शीतकालीन सत्र 2018 में विधानसभा से पारित हुआ. सिंतबर 2019 को राज्यपाल द्वारा केंद्र् सरकार को भेजा गया.
6 – द फैक्ट्री (झारखंड अमेंडमेंट) बिल 2019 : जून 2019 में कैबिनेट स्वीकृति मिली. मॉनसून सत्र 2019 में विधानसभा से पारित हुआ. फरवरी 2020 को राज्यपाल द्वारा केंद्र सरकार को भेजा गया.