L19 DESK : कैश कांड में पकड़े गये 3 विधायकों को मिली बड़ी राहत। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस केस कांड मे फंसे विधायक राजेश कच्छप, इरफान अंसारी और नमन विक्सल कोंगाड़ी का निलंबन वापस ले लिया है। इसकी घोषणा प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने की। इधर, निलंबन वापस होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक इरफान अंसारी ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रदेश अध्यक्ष का राजेश ठाकुर का आभार व्यक्ति किया। बता दे की तीनों विधायक निलंबन मुक्ति के लिए लगातार प्रयासरत थे।
3 मई को तीनों ने कांग्रेस के महासचिव वेणुगोपाल से दिल्ली में मुलाकात की थी तब से ही संभावना लगाया जा रहा था कि इनका निलंबन वापस हो जाएगा। कैश कांड में पकड़े जाने के बाद हुई थी कार्रवाई बता दे कि कोलकाता पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान इरफान अंसारी, विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप 49 लाख रुपये के साथ पकड़ा था। जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, और इसकी जांच कोलकाता सीआईडी कर रही थी। इसके बाद भी तीनों विधायकों की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही थी। बेरमो विधायक अनूप सिंह ने इनके खिलाफ अरगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज करायी थी।
हाईकोर्ट ने भी जीरो एफआइआर को ठहराया था अवैध
बता दे की झारखंड हाईकोर्ट ने भी निलंबित विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को बड़ी राहत देते हुए दर्ज जीरो एफआइआर अवैध करार दिया था। बता दें कि प्रार्थी विधायक राजेश कच्छप व अन्य की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर की गयी थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने अरगोड़ा थाना में जीरो एफआइआर दर्ज करना सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये गाइडलाइन का उल्लंघन माना था। कोर्ट ने जीरो एफआइआर को पश्चिम बंगाल के पंचला थाना में ट्रांसफर करने को द्वेषपूर्ण बताया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने भी किया था समन जारी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) ने कैश कांड (Cash Scandal) से जुड़े कांग्रेस के तीन विधायकों को समन भेजा था। जिसमे ईडी ने डॉ इरफान अंसारी को 13 जनवरी, राजेश कच्छप को 16 और नमन विक्सल कोंगाड़ी को 17 जनवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया था। हालांकि, तीनों जांच एजेंसी द्वारा दिये गये तारीख में पेश नहीं हो सके थे। जिसके बाद उन्हें दोबारा समन जारी किया गया था।
31 जुलाई 2022 को कोलकाता में तीनों विधायक हुए थे गिरफ्तार
बता दे की कोलकाता पुलिस ने तीनों विधायकों को 49 लाख रुपये के साथ 31 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। कोलकाता कोर्ट ने तीनों विधायकों को जमानत पर रिहा करने के बाद कोलकाता निगम क्षेत्र में ही रहने की शर्त लगा दी थी। इसकी वजह से तीनों विधायक जमानत मिलने के बाद भी कई दिनों तक कोलकाता में ही रहे। इसके बाद अदालत ने उन्हें झारखंड जाने की अनुमति दी थी।