
L19/Ranchi : आखिरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव के श्रीनिवासन की सेवा कार्मिक विभाग को वापस कर दी गयी। झारखंड सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। उनकी जगह पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को नया कल्याण सचिव बनाया गया है। जबकि परिवहन आयुक्त कृपानंद झा को बनाया गया है। के श्रीनिवासन पर दूसरी बार हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में ऐसी कार्रवाई की गयी है। इससे पहले खान एवं भूतत्व सचिव और जेएसएमडीसी के एमडी के पद से इन्हें हटाया गया था।
विभाग में भी सचिव की कारस्तानी से सभी कर्मी थे परेशान
उस समय भी इन पर सरकारी आदेशों के विपरीत कार्य करने का आरोप लगा था। इस बार भी कल्याण विभाग में बगैर वित्त विभाग, बगैर कार्मिक प्रशासनिक और राजभाषा सुधार विभाग की अनुमति के नियुक्ति करने, साईकिल की निविदा में सीवीसी के नियमों का उल्लंघन करने, जनजातीय कल्याण आयुक्त कार्यालय में दो दर्जन से अधिक विशेषज्ञों की नियुक्ति करने, आवासीय और आश्रम विद्यालयों के संचालन में नियमों की अनदेखी कर कैबिनट के आदेश के विपरीत संकल्प जारी करने का गंभीर आरोप लगा था। इस सबकी फाइल मुख्यमंत्री के आदेश पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने मंगायी थी।
विभाग में भी सचिव की कारस्तानी से सभी कर्मी परेशान थे। इसी तरह परिवहन आयुक्त के रूप में भी इनके द्वारा की जा रही मनमानी पर सरकार ने रोक लगा दी है। इनके पिरीयड में कई ऐसे वाहन मालिकों को जुर्माना लगाया गया है, जो नियमित परिवहन विभाग को पथ कर का भुगतान करते रहे हैं। साथ ही साथ अभी होनेवाले जिला परिवहन पदाधिकारी की पोस्टिंग मामले में परिवहन आयुक्त ने विभागीय मंत्री के आप्त सचिव के साथ मिल कर एक नया सिंडिकेट स्थापित किया था। अब इस पर भी लगाम लगेगी।
कार्मिक विभाग की इजाजत लिये बगैर सुनील सिंह को बना दिया था उप निदेशक
कल्याण सचिव रहे के श्रीनिवासन पर यह आरोप लगा था कि इन्होंने जनजातीय विकास अभिकरण साहेबगंज के परियोजना निदेशक सुनील कुमार सिंह को अपने निर्णयों के आधार पर जनजातीय कल्याण आयुक्त कार्यालय में उप निदेशक बना दिया था। सुनील कुमार सिंह को उप निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, जिनके माध्यम से छात्रवृति, साइकिल वितरण, आवासीय स्कूलों, कल्याण विभाग के छात्रावासों को फंड उपलब्ध कराने की सारी संचिका आयुक्त तक भेजी जाती थी। सुनील कुमार सिंह के श्रीनिवासन के महत्वपूर्ण कड़ी माने जाते थे। इन्हें पूर्व की जान पहचान के आधार पर कल्याण विभाग में लाया गया था। मुख्य सचिव की तरफ से सुनील सिंह के कार्यकलापों और उनकी पदस्थापना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। साथ ही साथ सुनील सिंह की पहुंच की उच्च लॉबी को भी समाप्त करने की दिशा में जल्द कार्रवाई की जायेगी।
