पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने डीएसपी से कहा जब मैं जेल में था, तो पोस्टिंग के लिए बार-बार करते थे फोन….. अब कह रहे हैं ट्रांसफर करा दिजिए
सुनीता मुंडा
L19 : पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि पहले ट्रांसफर कराने के लिए मेरे को जेल में फोन करते थे. आप डरपोक हैं. दिन में चाय-पानी और रात में दारू पीते हैं. अपराधियों के साथ हमेशा रहते हैं. जेल में फोन से बात करा कर पैरवी करने के लिए कहते थे. उस समय तो बार-बार कहते थे कि ले आइए आपका हर काम कर देंगे.
अब तो कुछ सुनते नहीं है. ट्रांसफर कराने के लिए नाक में दम कर दिया था. जब ट्रांसफर कर यहां ले आये, तो अब कहते हैं हटवा दिजिए. उधर सौंदा बस्ती में डीएसपी और एसडीपीओ को खरी-खोटी सुनाते हुए विधायक अंबा प्रसाद ने कहा पहले कहते थे लाइये, लाइये.
अब कह रहे हैं कि हटवा दिजिए. क्या समझ लिया है. हम जन प्रतिनिधि आपके इशारे पर नाचते हैं क्या, कि जब जो मन किया वह काम करवा लिया. यह उदाहरण हम आपके सामने इसलिए रख रहे हैं कि आप झारखंड की स्थिति समझ लिजिए कि कैसे एक सजायाफ्ता को फोन कर राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग के अधिकारी, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी तथा पहुंचे हुए लोग ताबड़तोड़ फोन कर संपर्क में रहते थे.
इडी ने अवैध खनन घोटाला मामले में राजधानी के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भरती पंकज मिश्रा से मुलाकातियों और बात करानेवालों की सीसीटीवी फूटेज मांगा. उसे अभी तक नहीं दिया गया. पंकज मिश्रा ने रिम्स के कॉटेज से हिरासत में रहते हुए तीन सौ से अधिक कॉल किये. कमोबेश यही स्थिति योगेंद्र प्रसाद की भी रही.
वह भी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सजा काट रहे थे. उसी दरम्यान कई अफसरों, कर्मियों, हाकिमों ने उन्हें जेल में ही सिफारिशी फोन किये. जो अंततः उनकी जुबान तक पहुंच ही गयी. झारखंड में यह क्या हो रहा है. यह आप खुद अपनी आंखो से ही देखिए. वीडियो सोसल मीडिया में वायरल है.