इधर राज्य सरकार की ओर से झारखंड में सभी लाइसेंसधारियों की बंदोबस्ती का प्रस्ताव मांगा
L19 : सिद्धार्थ सिंघानिया से लेकर अरुण रामचंद्र पिल्लई तक के कनेक्शन खोज रहा इडी
छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट तक प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की दबीश का असर अब झारखंड में भी दिखेगा. इधर राज्य सरकार की ओर से झारखंड में सभी लाइसेंसधारियों की बंदोबस्ती का प्रस्ताव मांगा है.
यह सब अगले वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 के लिए किया जा रहा है. सरकार की ओर से कहा गया है कि 2023-24 में शराब के खुदरा उत्पाद दुकानों की बंदोबस्ती स्लाइडिंग स्केल सिस्टम से की जायेगी.यानी जिन प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिये वर्तमान में 1580 दुकानों को संचालित किया जा रहा है, उस सिस्टम को समाप्त किया जायेगा.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआइ ने रविवार देर रात को गिरफ्तार किया, उसके बाद अब झारखंड की ओर से इशारे किये जा रहे हैं. सीबीआइ की जांच में पता चला है कि दिल्ली शराब घोटाले के मास्टरमाइंड रहे सिंडिकेट ने झारखंड में भी अपना नेटवर्क बढ़ाया है.
हैदराबाद के व्यवसायी और टीवी चैनल गौतम मूथा के मालिक अरुण रामचंद्र पिल्लई, इंटरनेशनल ब्रांड्स पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक वेनाय बाबू और आप मीडिया के इंचार्ज विजय नायर तथा तीन अन्य व्यक्तियों सीबीआइ ने 22 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया था.
इन पर 19 अगस्त 2022 को सीबीआइ ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ प्राथमिकी दर्ज की थी. इसकी आंच छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों पर आने लगी है.
छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) से जुड़े आइआरएस सेवा के अधिकारी एपी त्रिपाठी की नियुक्ति और अन्य मामलों पर इडी तफ्तीश में जुड़ी है. छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) को ही झारखंड में नयी उत्पाद नीति लागू करने के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया था.
सीएसएमसीएल के एमडी एपी त्रिपाठी कई बार झारखंड आये. राज्य में नयी उत्पाद नीति भी बनी. इसके बाद छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट से जुड़े कई लोग और कंपनियां भी झारखंड आ गयीं. इसमें सिद्धार्थ सिंघानियां के सुमित फैसिलिटिज प्राइवेट लिमिटेड का भी नाम शामिल है.
सुमित फैसिलिटिज फिलहाल राज्य के 10 जोन में से चार से अधिक जोन में खुदरा शराब की दुकानों पर प्लेसमेंट एजेंसी के रूप में काम कर रही है. इसको लेकर ही इडी ने झारखंड में भी अपनी कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार कर ली है. राज्य में सीएसएमसीएल की अनुशंसा पर लागू मई 2022 में नयी उत्पाद नीति लागू की गयी थी.
नयी उत्पाद नीति लागू होने के बाद सुमीत फैसिलिटीज, ए2जेड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, प्राइम वन और इगल हंटर नामक प्लेसमेंट एजेंसी का चयन किया गया. इन एजेंसियों के द्वारा ही राज्य में 1580 से अधिक खुदरा शराब दुकानों के जरिये विदेशी ब्रांड के शराब उपलब्ध कराये जा रहे हैं. इन कंपनियों को ही राजस्व वसूली का जिम्मा दिया गया है.
2022-23 के लिए 2310 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य के बाबत फरवरी 2023 तक राजस्व की वसूली 1600 करोड़ से अधिक हो गयी है.
पूर्व में प्लेसमेंट एजेंसियों की बैंक गारंटी सरकार ने कर ली थी जब्त
सरकार की एजेंसी झारखंड स्टेट बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड की तरफ से लक्ष्य से पीछे रहने के लिए चारों प्लेसमेंट एजेंसियों की बैंक गारंटी जब्त अक्तूबर 2022 से लेकर नवंबर 2022 में कर ली गयी थी.
इन प्लेसमेंट एजेंसियों को नौ फीसदी की हिस्सेदारी के आधार पर राजस्व वसूली का जिम्मा दिया गया था. इतना ही नहीं तीन थोक वक्रेता कंपनियों के पैसे भी सरकार की ओर से जब्त किये गये, जो राज्य में शराब के प्रीमियम ब्रांड उपलब्ध कराने में असमर्थ रहे थे.