L19 : वीरेंद्र राम प्रकरण में सोमवार को कार्यपालक अभियंता रामपुकार राम के यहां प्रवर्तन निदेशालय का छापा पड़ रहा है. इनके लालपुर स्थित वीमेंस कालेज के समक्ष आवास, एफएफपी 100 बिल्डिंग के कार्यालय समेत अन्य ठिकानों पर इडी की टीम छापेमारी कर रही है.
बताया जाता है कि रामपुकार राम टेंडर मैनेज करने के बड़े खिलाड़ी थे. वीरेंद्र राम और रामपुकार राम ने भवानी कंस्ट्रक्शन, अवतार कंस्ट्रक्शन, विकास कंस्ट्रक्शन समेत पांच कंपनियां बनायी थी. ग्राम्य अभियंत्रण संगठन (आऱइओ) के अभियंता प्रमुख की हैसियत से ये निविदा को निबटाते थे.
इसके बाद अपनी कंपनियों को काम का ठेका दिलाने का काम करते थे. रामपुकार राम को टेंडर प्रक्रिया में सफल होनेवाली कंपनी का चयन होने के बाद ठेका मनचाहे संवेदक कंपनी को काम सब लेट करने की जवाबदेही सौंपी गयी थी.
इसके लिए ठेकेदारों, विभाग के अभियंताओं, विभाग के हाकिम समेत अन्य का एक कॉकस बना हुआ था. जिसमें ठेकेदार का चयन करने से लेकर सब लेटिंग तक के काम का एक चैनल बना हुआ था.
तत्कालीन विभागीय सचिव मनीष रंजन के समय यह काकस स्थापित हुआ था, जो अब तक सफलापूर्वक अपने कार्यों को अंजाम दे रहा था. इसी कड़ी में वीरेंद्र राम के बाद रामपुकार राम के ठिकानों तक इडी पहुंची है. बताया जाता है कि रामपुकार राम चार-पांच दिनों से कार्यालय से गायब हैं और वीरेंद्र राम के संपर्क में थे.