
L19 DESK : हेमंत सरकार ने गोविंदपुर-साहिबगंज हाईवे के किनारे 6 जिलों में 500 एकड़ के छह इंडस्ट्रियल क्लस्टर के साथ 3000 एकड़ में बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है। यह कॉरिडोर राज्य सरकार खुद बनाएगी। कॉरिडोर में धनबाद, जामताड़ा, देवघर, दुमका, पाकुड़ और साहिबगंज जिले शामिल होंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने उद्योग विभाग के अधिकारियों और छह जिलों के डीसी के साथ 8 जून को बैठक कर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की रूपरेखा तय की है। अधिकारियों को एक माह में तैयारी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
6 जिलों में इसे 6 क्लस्टर के रूप में बनाने पर सहमति बनी है
सरकार ने इंडस्ट्रियल कॉरिडोर खुद बनाने का फैसला केंद्र द्वारा दिल्ली-कोलकाता फ्रेट कॉरिडोर के समीप झारखंड में अलग क्लस्टर नहीं बनाने के फैसले के बाद लिया है। मालूम हो कि वर्ष 2021 में भी राज्य कैबिनेट ने साहिबगंज-गोविंदपुर हाईवे के किनारे 500 एकड़ का इंडस्ट्रियल एरिया बनाने का निर्णय लिया था। लेकिन, अब इसमें बदलाव कर हाइवे के अगल-बगल पड़ने वाले 6 जिलों में इसे 6 क्लस्टर के रूप में बनाने पर सहमति बनी है।
जमीन चिन्हित करने का जिम्मा 6 जिले के डीसी को दिया
सीएम ने अधिकारियों को 311 किमी लंबे साहिबगंज-गोविंदपुर हाईवे से एक किलोमीटर की दूरी पर इंडस्ट्रियल क्लस्टर के लिए जमीन चिन्हित करने का जिम्मा 6 जिले के डीसी को दिया है। कहा गया है कि वे अपने जिले में 500-500 एकड़ की दो साइट चिन्हित करें। इनमें से एक साइट राज्य सरकार चुनेगी। अधिकारियों से कहा गया है कि जमीन के चयन में ध्यान रखा जाए कि कोई गांव या बस्ती नहीं उजड़े। साथ ही, क्लस्टर के पास पानी उपलब्ध हो।
40 से अधिक गांव के विस्थापित होने की संभावना भी जताई
बैठक में साहिबगंज, देवघर और धनबाद के डीसी ने 862 एकड़, 718 व 380 एकड़ निजी और सरकारी जमीन की उपलब्धता की जानकारी दी। लेकिन, 40 से अधिक गांव के विस्थापित होने की संभावना भी जताई। सीएम ने कहा-बगैर विस्थापन के जो जमीन उपलब्ध हो उसे चिन्हित करें। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में छोटे-बड़े इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाए जाएंगे। इसमें देश भर के उद्यमी उद्योग लगा सकेंगे। कॉरिडोर के माध्यम से राज्य में बुनियादी ढांचे और उद्योग का विस्तार होगा। साहिबगंज में गंगा पुल और मल्टी मॉडल पोर्ट टर्मिनल बनने से क्षेत्र का विकास होगा। इससे राज्य में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर व क्लस्टर का उद्देश्य भी पूरा होगा। केंद्र सरकार की योजना के अनुसार अमृतसर से कोलकाता तक बन रहे फ्रेट कॉरिडोर के समीप झारखंड समेत सात राज्यों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाया जाना था। वर्ष 2017 में तय हुआ था कि बरही में कोलकाता-अमृतसर कॉरिडोर का इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनेगा।
बोकारो सेल में 1000 एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने का प्रस्ताव
केन्द्र सरकार ने बरही के समीप 25 सौ एकड़ जमीन में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। लेकिन, लोगों ने इसका विरोध कर दिया। फिर, बोकारो सेल परिसर में 1000 एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने का प्रस्ताव बना। इसके बाद सेल ने गढ़वा के भवनाथपुर में 1000 एकड़ पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का विकल्प दिखाया था। पर, झारखंड में अभी तक फ्रेट कॉरिडोर को लेकर क्लस्टर या अलग कॉरिडोर तय नहीं हो सका है। इसलिए राज्य सरकार अपने बूते कॉरिडोर क्लस्टर बनाने जा रही है। गोविंदपुर-साहिबगंज इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने के लिए 8 जून को मुख्य सचिव ने धनबाद, जामताड़ा, देवघर, दुमका, पाकुड़ और साहिबगंज के डीसी के साथ बैठक की थी। इसमें सभी को जमीन तलाशने का निर्देश दिया गया है।
