L19/CHATRA : झारखंड के श्रम एवं रोजगार मंत्री सत्यानंद भोक्ता के ससुराल में बिजली की संकट है। चतरा जिले के सेल में श्रम मंत्री का ससुराल है जो पिछले 8 महीने से घोर बिजली की संकट से जूझ रहा है। पूरा गांव 8 महीने से अंधेरे में रहने को मजबूर है। मंत्री के उस दावे के उलट स्थिति है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि चतरा में कम से कम 20 घंटे बिजली रहती ही है। पर श्रम मंत्री के साले ने ही श्रम मंत्री के दावे की पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता मेरे जीजा हैं लेकिन उन्होंने अब तक गांव के लिए कुछ भी नहीं किया है। लोग गर्मी में मर रहे हैं।
साले ने कहा कि गांव में ना तो बिजली है और ना ही पेयजल की सुविधा है। मंत्रीजी को कम से कम बुनियादी जरूरतें पूरी करनी चाहिए। महीनों पहले जल गए गांव के 2 ट्रांसफॉर्मर। गांव के एक युवक ने बताया कि पहले यहां 2 ट्रांसफॉर्मर लगाए थे जिनमें से एक 8 महीने पहले जल गया और दूसरा अभी 2 महीने पहले जल गया। गांव के लोग पिछले 8-10 महीने से बिजली की संकट में है। गर्मी के मौसम में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों को खास परेशानी होती है क्योंकि वह ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते। युवक ने कहा कि हमने बिजली विभाग से लिखित आवेदन देकर मांग की है कि गांव में 100 केवी की क्षमता वाला ट्रांसफॉर्मर लगवाया जाए लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं।
एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि बिजली नहीं होने की वजह से बहुत परेशानी होती है। महिलाओं की सुरक्षा का भी बड़ा मसला है। विद्यार्थियों को पढ़ने-लिखने में बहुत परेशानी होती है। नाराज गांव वालों ने बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की। झारखंड इन दिनों बिजली की संकट से जूझ रहा है। राजधानी रांची सहित शहरी इलाकों में जहां औसतन 10-12 घंटे तक बिजली की कटौती होती है तो वहीं ग्रामीण इलाकों में इस भीषण गर्मी में भी 18-20 घंटे तक बिजली की कटौती होती है। सरकार बार-बार निर्बाध बिजली आपूर्ति का आश्वासन देती है लेकिन लोग लोड शेडिंग से परेशान हैं। जेबीवीएनएल ने बिजली कंपनी को बकाया 45 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और स्थिति में सुधार होगा लेकिन अब तक कोई खास बदलाव नहीं।