L19/Ranchi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई संसद भवन के उद्घाटन में नहीं बुलाने और उनके द्वारा उद्घाटन नहीं कराये जाने के विरोध में भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी), माकपा ने अल्बर्ट एक्का चौक में काला दिवस मनाया। राष्ट्रपति के सम्मान में संविधान सम्मत कार्रवाई और संविधान की रक्षा के लिए वाम दलों के नेता और कार्यकर्ता ने काला बिल्ला लगाकर और हाथों में तख्तियां लेकर काला दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान भाकपा माले, मासस, प्रगतिशील लेखक संघ, आदिवासी संघ, एसटी एससी मोर्चा, पत्रकार संघ, अखिल भारतीय महिला समाज, श्रमिक संगठन सहित अन्य संगठन उपस्थित रहे।
देश में एक नया काला अध्याय जुड़ गया : महेंद्र पाठक
भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि देश में एक नया काला अध्याय जुड़ गया। क्योंकि नये संसद भवन के उद्घाटन के कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करके सरकार ने अपनी तानाशाही का परिचय दे दिया है। पीएम ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी है। संवैधानिक तौर पर संसद भवन राष्ट्रपति के अनुमति से खुलता है।
उनके अभिभाषण से ही संसद सत्र की शुरुआत होती है। उन्हीं की अनुमति से संसद का कार्यकाल चलता है। संसद के अंदर जो भी बिल पास होते हैं, वह भी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से ही कानून का रूप लेता है। उन्होंने बताया कि देश की 19 राजनीतिक पार्टियां और 253 सांसदों ने नयी संसद के उद्घाटन का बहिष्कार किया है।