L19 DESK : ईडी ने झारखंड में नयी शराब नीति का सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया हैं। पूछताछ के दौरान यह पता चला कि अरुण पति त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का मुखिया निकला। वह केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की अनुमति के बिना ही झारखंड में सलाहकार बन गया। पत्नी के नाम पर आइटी कंपनी बना कर ‘प्रिज्म’ नामक कंपनी को बेच दी। बाद में इसी कंपनी को छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का काम दिलाया। बदले में उससे 90 लाख रुपये लिये। त्रिपाठी की पत्नी ने अपने नाम पर बनी कंपनी का पूरा नियंत्रण अपने पति के पास होने की जानकारी इडी को दी है।
बाबूलाल मरांडी ने इसी मामले का हवाला देते हुए ट्वीट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का सरगना झारखंड में नई शराब नीति का सलाहकार कैसे बना? वो भी बिना केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की अनुमति के?(चुकी आरोपी दूरसंचार विभाग का अधिकारी है और वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर छत्तीसगढ़ में कार्यरत है) झारखंड में उसका आका कौन है? नकली होलोग्राम बनवाकर सरकारी राजस्व को हजारों करोड़ रुपये की चपत लगाने का मामला केवल छत्तीसगढ़ तक ही सीमित नहीं है, झारखंड में भी जो राजस्व की चोरी हुई है।
उसमें इसी गिरोह का हाथ है।आने वाले दिनों में जांच से यह बात प्रमाणित होगी। गंभीर सवाल है कि फर्जी होलोग्राम बनवाने वाले, वैध शराब पर भी कंपनियों से कमीशन लेने वाले, शराब बिक्री की अपनी समानांतर व्यवस्था चलाने वाले व्यक्ति को झारखंड में सलाहकार नियुक्त करने की पैरवी करने वाले लोग कौन हैं? हेमंत जी आपकी जानकारी में तो होगा ही? बेईमानों पर कार्रवाई करियेगा या इस घोटाले में भी खुद की गर्दन फँसने तक और इंतज़ार करियेगा?