
L19/Ranchi : महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिनांक 24 मई बुधवार को तीन दिवसीय दौरे के लिए झारखंड पधार रहीं है। इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति विभिन्न कार्यक्रम में होंगी शामिल । जिस कार्यक्रम कि सूची में नए हाईकोर्ट भवन लोकार्पण राष्ट्रपति के हाथों होना है । पूरे झारखंड में जिन मार्गों से राष्ट्रपति सफर तय करेंगी उन सभी मार्गों को मुस्तैद कर दिया गया है । हाईकोर्ट भवन में कड़ी सुरक्षा तैनात किया गया है । नए हाईकोर्ट भवन की चमक और भव्यता लोगों कि आंखों में दूर से ही चौंधिया रही है । पर इस चमक के पीछे छुपे उन 600 से अधिक मजदूरों कि मेहनत शायद ही झारखंड के माय माटी पर बात करने वाले नेताओं, अधिकारियों को पता होगी।
विस्थापित बेघर परिवारों का दर्द नजर आता है
पेट में अगर अनाज मन चहा भरा हो, रुपए के गद्दीयों से बना बिस्तर तन पर सहारा हो तो शायद ही किसी को उन HEC, विधानसभा और हाईकोर्ट विस्थापित बेघर परिवारों का दर्द नजर आता हो, एक माँ की बेबसी की आहट सुनाई पड़ता हो । आज हम उन HEC, विधानसभा और हाईकोर्ट विस्थापित बेघर परिवारों की जिक्र कर रहे हैं जो कि वर्षों से इस भवन निर्माण से लेकर अबतक लोकार्पण के सफर तक में अपना खून पसीना एक किया है ,इस उमीद से कि शायद बेघर होने के बाद अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी और अपने बुजुर्गों को सहारा दे सखे उस कमाई से और शायद काम पक्का हो जाए अर्थात permanent job इस भवन में ताकि वे बची जिंदगी कुछ सुख से गुजार सके।
सभी बेघर लोग आश भारी निगहों के साथ राह पर नजर टिकाए बैठे हैं
हर बार विकास के नाम पर दरबदर न भटकना पड़े ,क्योंकि अब खोने को कुछ बचा भी नहीं जो पूर्वजों कि देन थी वो तो सरकार के काम के लिए लूट लिया गया । अब इस दर्द को समेटे हुए वे सभी मजदूर बेघर लोग आश भारी निगहों के साथ राह पर नजर टिकाए बैठे हैं ,शायद अपने समाज के परिस्थितीयों से उभर कर आज देश के उच्च पद पर आसीन माँ रूपी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके दर्द को दूर से ही भाप सखे और उनके दुख दर्द दूर करने में मदद कर सखे । शायद हमारे अबुआ दिशुम राज्य के मुख्य आपन राईज के HEC, विधानसभा और हाईकोर्ट विस्थापित बेघर परिवारों के लोगों को जीविका उपार्जन मात्र के लिए झारू- पोंछा तक के काम दिला सखे ,क्यूंकि उन्हे पता है कि राईज में जिस तरह से बहरीन लोगों ने कब्जा किया है शायद यहाँ भी उनके साथ उनका हक मारी किया जायगा ।
