
L19 DESK : राज्य में कृषि की नई तकनीकी को लागू करने के लिए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के नेतृत्व में भ्रमण पर गई टीम लगातार कृषि संस्थाओं का दौरा कर रही है। इसी दौरान टीम ने केन्द्रीय मात्स्यकी प्रौद्योगिकी संस्थान (CIFT) कोच्चि का दौरा किया। जहां टीम ने कृषि, मत्स्य से जुड़ी तकनीकी एवं शैक्षणिक व्यवस्थाओं को लकेर जानकारी ली। इसके बाद कृषि मंत्री ने कहा कि केरल राज्य में कई पैमाने में कृषि पशुपालन एवं मत्स्य के क्षेत्र में पर काम किए गए है। जिसमें तकनीकी समावेश एक महत्वपूर्ण अंग है। हमारा प्रयास है कि केरल राज्य की उत्कृष्ट कृषि नीति एवं तकनीक को झारखंड में लागू की जाए।
जलाश्यों-खदानों के सर्वे के तहत नाव व जाल होगा डिजाइन
मंत्री बादल व टीम का स्वागत संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. शंकर टी वी ने किया। मंत्री ने संस्थान के निदेशक से राज्य के मात्स्य की संसाधनों एवं उसके अनुसार झारखंड के जरूरतों के बारें में विस्तृत चर्चा की। वहाँ के वैज्ञानिकों को राज्य में अवस्थित जलाशयों, परित्यक्त खदानों में मत्स्य शिकारमही कैसे किया जाए, इससे संबंधित तकनीक उपलब्ध कराने के बारे में चर्चा की गई।
इस दौरान मंत्री ने कहा कि अपनी टीम को राज्य में भेजकर जलकर का विस्तृत सर्वे एवं जानकारी एकत्र करते हुए राज्य के आवश्यकता अनुसार नाव एवं जाल का डिजाइन करें। जिससे मत्स्य शिकारमही एवं मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को अधिक से अधिक फायदा हो सके। झारखंड राज्य में वृहत रूप से हो रहे केज कल्चर के लिए विशेषकर केज के बाहर ट्रैप लगाने से भी मत्स्य पालकों की आमदनी में वृद्धि होती है।
बादल ने कहा कि संस्थान द्वारा नए डिजाइन किए गए सोलर पावर से संचालित मोटर बोट भी राज्य हित में है। मत्स्य शिकारमही एवं मत्स्य पर्यटन में मील का पत्थर साबित हो सकता है। साथ ही संस्थान के द्वारा डिजाइन किए गए अलमुनियम बोट एवं रबर बोट भी जलाशयों में हो रहे शिकारमही के लिए उपयोगी साबित होगा।
