L19/Ranchi : झारखंड सरकार बिजली-पानी की समस्या को दूर करने में पूरी तरह से नाकाम है। रांची सहित पूरे झारखंड में बिजली और पानी के बिना हाहाकार मचा है। जनता त्राहि त्राहि कर रही है। लेकिन यह सरकार सोई हुई है। ऐसा लग रहा है जैसे, इस सरकार को जनताओं से कोई मतलब ही नहीं। रांची के लोकसभा सांसद संजय सेठ ने अपने कार्याल्य में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कही। उन्होंने कहा कि योगी मॉडल पर हेमंत सरकार को काम करना चाहिए। एक दौर में यूपी में बिजली की सबसे खराब स्थिति थी। मगर अब वहां यह समस्या नहीं है।
अब बिजली-पानी की सबसे अधिक समस्या झारखंड में हैं। फरवरी महीने से ही रांची में बिजली की आंख मिचौली करना शुरू हुआ। ट्रांसफॉर्मर जलने की शिकायतें आने लगी। इसके साथ ही जल संकट भी शुरू हुआ। लेकिन इस राज्य का दुर्भाग्य है कि यहां ऐसी सरकार शासन चला रही है, जिसे इन सब से कोई मतलब नहीं। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और अफसर सब अपने बंगले में मस्त हैं। अफसोस लगता है कि सरकार के पास कोई विजन भी नहीं है कि कैसे बिजली और पानी के संकट का समाधान किया जा सके।
ईचागढ़ से लेकर सिल्ली और कांके, खिजरी से लेकर खलारी तक से प्रतिदिन दर्जनों कॉल मेरे ऑफिस को आते हैं। कहीं बिजली संकट है। कहीं पानी संकट है। कहीं चापाकल खराब पड़े हैं। कहीं जल मीनार बनकर तैयार है मगर जलापूर्ति नहीं हो रही है। यह ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति है। ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़े तो शहर की स्थिति उससे भी बदतर है। अभी ही किसी अखबार में पढ़ रहा था कि रांची शहर में 50% बोरिंग फेल हो चुके हैं। पेयजलापूर्ति का पाइप कभी कहीं टूट जाता है। जलस्रोतों को रिचार्ज किया जा सके, इस तरफ सरकार का ध्यान ही नहीं है।