
L19 DESK : राज्य के एक और IAS अधिकारी और पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार को जेल जाना पड़ा । मंगलवार को साहिबगंज कोर्ट में अनिल कुमार ने खुद को सरेंडर कर दिया। जिसके बाद अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया। साहिबगंज कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद वे पिछले साल नवंबर 2022 से ही फरार थे। कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अनिल कुमार जमानत के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे।
हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी। अर्जी खारिज होने के बाद मंगलवार को साहिबगंज कोर्ट में उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। सीजेएम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। अनिल कुमार बिहार प्रशासनिक सेवा के 37वें बैच (अब झारखंड प्रशासनिक सेवा) के अधिकारी थे। उन्हें पिछले साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति मिली थी।
शिक्षा विभाग में नियुक्ति में हुए घोटाले की जांच का मिला था जिम्मा
जानकारी के अनुसार, पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार का नाम शिक्षा विभाग में हुई अवैध नियुक्ति की फाइल गायब करने में सामने आया। साल 2014 में साहिबगंज जिले के जिरवाबाड़ी ओपी में इससे संबंधित मामला दर्ज किया गया था। अनिल कुमार साहिबगंज में जिला आपूर्ति पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित थे। उन्हें शिक्षा विभाग में नियुक्ति में घोटाले की निरीक्षण का जिम्मेदारी मिली। हालांकि, यह मामला दब गया। 2014 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की के समय में फिर से किसी ने इसकी शिकायत की थी। इसके बाद पुरानी फाइल की खोज शुरू हुई, लेकिन वह फाइल अबतक मिली नहीं है।
