L19 DESK : राज्य में दूर-दराज के दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सुलभ परिवहन मुहैया कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना की शुरुआत करने जा रही है। इस योजना के माध्यम से वैसे क्षेत्रों में सरकार वाहन चलाएगी जहां लोगों को प्रखंड या जिला मुख्यालय जाना होता है तो गाड़ी पकड़ने के लिए कम से कम 25 किमी की दूरी पैदल ही तय करना पड़ता है।
सरकार ने पाया कि दूर-दराज के क्षेत्रों से ग्रामीण प्रखंड या जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए अपने घर से तड़के ही निकल पड़ते हैं। 20-25 किमी का सफर पैदल तय करने के बाद मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं और फिर उन्हें गाड़ी मिलता है। प्रखंड या जिला मुख्यालय में काम खत्म घर वापस लौटने में अक्सर देर रात हो जाती है। ऐसे में उनका समय और खर्च बचाने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना शुरू करने का सोचा। इसके लिए सभी जिलों में वाहन मालिकों से बातचीत की जा रही है।
बता दें कि पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों में वाहन चलाने का प्रस्ताव पास किया था। मिली जानकारी के अनुसार 9 मई को परिवहन मंत्री ने सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों के साथ बैठक की । मीटिंग में उन क्षेत्रों की पहचान करने को कहा गया जहां वाहन चलाने की जरूरत है। साथ ही जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिले में वाहन मालिकों से बात करें और उन्हें मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना से जोड़ें।
बताया जाता है कि परिवहन मंत्री ने जिला डीटीओ के साथ मिलकर उन इलाकों की पहचान भी कर ली है जहां वाहन चलाया जाना है। बता दें कि झारखंड में अधिकतर क्षेत्र वनक्षेत्र है। सुदूर पहाड़ी गांव हैं। वहां तक पहुंचना काफी कठिन है। लोगों को वाहन पकड़ने के लिए कई किमी चलना पड़ता है। खासतौर पर महिलाओं के लिए यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी खतरनाक है।
बता दें कि सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों ने वाहन मालिकों के साथ पहले दौर की मीटिंग कर ली है। वाहन मालिकों को मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना से अवगत कराया है। वहीं, वाहन मालिकों ने भी विभाग को अपनी चिंता और समस्याओं से अवगत कराया है जिसके समाधान का आश्वासन विभाग ने उन्हें दिया। विभाग ने आश्वासन दिया है कि जिन रूट्स पर वाहन चलाना है उसका विशेष परमिट दिया जाएगा। विभाग ने आश्वस्त किया है कि वाहन मालिकों का हित भी देखा जाएगा। दूसरे दौर की बैठक में और भी चीजें स्पष्ट होंगी।