
L19 DESK : राज्य में नगर निकाय चुनाव में OBC आरक्षण की सीमा तय करने के लिए बहुत जल्द आयोग का गठन किया जाएगा। विभागीय सूत्रों ने संभावना जताई है कि कैबिनेट की अगली बैठक में आयोग गठन करने का प्रस्ताव लाया जाएगा। कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद डेढ़ से दो महीने में कमीशन अपनी सिफारिश सरकार को देगी। इसके बाद झारखंड सरकार चुनाव कराने का निर्णय लेगी। अगर सबकुछ सही रहा तो इसी साल अक्टूबर-नवंबर तक झारखंड में नगर निकाय चुनाव हो सकता है। हाईकोर्ट के किसी सीटिंग या रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमीशन बनायी जा सकती है।
OBC आरक्षण और कमीशन गठन यूपी और बिहार के तर्ज पर बन सकता है
झारखंड सरकार ओबीसी आरक्षण और कमीशन गठन उत्तर प्रदेश और बिहार की तर्ज पर बना सकती है। यूपी ने जनवरी 2023 में ट्रिपल टेस्ट के लिए कमीशन बनाया था, जिसने 75 जिलों का निरीक्षण कर 2 महीने 10 दिन में रिपोर्ट जमा कर दी थी। समिति बनने के बाद चुनाव होने और नतीजे आने में सिर्फ 5 महीने लगे। वहीं बिहार में भी गठित कमेटी ने 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य को भी 24 जिलों का सर्वे करने में डेढ़ से 2 महीने से अधिक समय नहीं लगेगा।
13 निकायों में पिछले 3 साल से चुनाव लंबित है
राज्य सरकार झारखंड में जल्द ही निकाय चुनाव कराना चाहती है। अगर निकाय चुनाव जल्द नहीं हुए तो राज्य को 15वें वित्त आयोग की मदद से वंचित होना होगा। शहरी निकायों के विकास के लिए झारखंड ने करीब 1600 करोड़ रुपये का दावा वित्त आयोग से किया है। राज्य में 48 नगर निकायों में चुनाव होना है । 34 निकायों का कार्यकाल अप्रैल माह में समाप्त हो चुका है, जबकि 13 निकायों में पिछले 3 साल से चुनाव लंबित है।
ट्रिपल टेस्ट क्या है ?
- स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति, प्रभावों की जांच के लिए एक समर्पित आयोग की स्थापना।
- आयोग की सिफारिशों के आधार पर निकायवार आरक्षण का निर्धारण करना।
- किसी भी मामले में एसटी/एससी/ओबीसी के लिए रिजर्व कुल सीटों के 50% से अधिक आरक्षण न हो ।
