L19/Ranchi : मनरेगा घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच के दौरान गिरफ्तार झारखंड की पूर्व खान सचिव निलंबित आइएएस पूजा सिंघल के विरुद्ध ईडी की बड़ी कार्रवाई को निर्णायक प्राधिकारी की भी मुहर लग गई है। बीते एक दिसंबर को अस्थाई रूप से जब्त पूजा सिंघल की 82.77 करोड़ की चार अचल संपत्तियों की निर्णायक प्राधिकारी की मुहर लगते ही बुधवार (आज) को स्थाई रूप से जब्ती कर लिया गए है। इन संपत्तियों में रांची के बरियातू रोड स्थित पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पल्स डाग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर व दो भूखंड शामिल हैं। ईडी ने फिलहाल इन्हें तब अस्थायी रूप से जब्त किया था।
अब एडजुकेडिंग अथारिटी की मुहर लगने के बाद इस पर सरकार का स्थाई कब्जा हो गया है। अस्पताल व डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन कैसे होगा, इसपर ईडी जल्द ही निर्णय लेगी। अब यह तय हो गया कि अब अस्पताल का संचालन जारी रहता है तब तक वह सरकार की देख-रेख में होगा। झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनरेगा घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी। ईडी को जांच में पता चला कि पूजा सिंघल ने घोटाले और कमीशन में मिली राशि को अपने और अपने परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के खाते में जमा भी करवाया।
पूजा सिंघल ने अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के उक्त राशि की हेराफेरी की। पूजा सिंघल ने मनरेगा घोटाले के बाद अवैध खनन में भी भारी मात्रा में काले धन की वसूली की है। घोटले एवं कमीशन के रुपयों से पूजा सिंघल ने अपने व परिवार के सदस्यों के नाम पर चल-अचल संपत्ति भी बनाई है, जिसपर ईडी की नजर है और एक-एक कर ऐसी सभी संपत्तियों की कुर्की-जब्ती होगी। मनरेगा घोटाला में मनी लांड्रिंग के तहत ईडी ने तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
बाद में पूजा सिंघल के खिलाफ पांच जुलाई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मनी लांड्रिंग मामले में पूजा सिंघल सहित गिरफ्तार तीनों व्यक्ति फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इनमें पूजा सिंघल, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार व मनरेगा घोटाले में तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा शामिल हैं। इनके विरुद्ध कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। पूजा सिंघल व इनसे जुड़े ठिकानों पर ईडी ने गत वर्ष 6 मई 2022 को एक साथ छापेमारी की थी। इस छापेमारी में पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के पास से 19.76 करोड़ रुपये नकदी मिले थे। सुमन कुमार ने ईडी की पूछताछ में स्वीकारा था कि उक्त राशि पूजा सिंघल के हैं, जो अवैध खनन से कमीशन के रूप में मिले हैं। इसके बाद से ही पूजा सिंघल पर ईडी की घेराबंदी और कड़ी हुई थी।