L19 DESK : झारखंड से तस्करी कर बेंगलुरु ले जाई गई 11 लड़कियों को छुड़ाया गया। ये सभी राज्य की आदिम पहाड़िया जनजाति की बच्चियाँ हैं। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पहाड़िया जनजाति की 11 लड़कियों को बचा लिया गया है। उन्हें बेंगलुरु से रांची ले जाया जाएगा। सभी लड़कियां साहिबगंज और पाकुड़ जिले की निवासी हैं।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग का गठन
मामले में सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मानव तस्करों द्वारा गरीब परिवारों के बच्चों को नौकरी के बहाने बड़े शहरों में बेचने के कई मामले सामने आए हैं। इस सिलसिले में झारखंड सरकार द्वारा गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया गया है।
बच्चों को मुक्त करने के लिए तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। रेस्क्यू किए गए बच्चों के पुनर्वास की भी व्यवस्था की गई है। गौरतलब है कि हाल ही में झारखंड से तस्करी कर दिल्ली लाई गई 14 वर्षीय गर्भवती किशोरी सहित 13 नाबालिगों को रेस्क्यू कर लाया गया था ।
लड़कियों को दोपहर 3 बजे रांची लाया जाएगा
बता दें कि रेस्क्यू की गई बच्चियों को दोपहर तकरीबन 3 बजे रांची लाया जाएगा। गौरतलब है कि झारखंड के आदिवासी बहुल जिलों से व्यापक पैमाने पर आदिवासी युवतियों, किशोरियों और बच्चों को काम दिलाने के बहाने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे बड़े महानगरों में बेच दिया जाता है। मानव तस्कर स्थानीय एजेंटों के सहारे इस काम को अंजाम देते हैं। बड़े शहरों में इन युवतियों और बच्चियों को घरेलु सहायिका के रूप में काम कराया जाता है।
कई बार इन्हें अमानवीय परिस्थियों में काम करना पड़ता है। इनका पूरा मेहनताना बिचौलिये खा जाते हैं। इन लड़कियों को वहां शारीरिक और यौन उत्पीड़न तक का सामना करना पड़ता है। पिछले साल गुरुग्राम से राज्य की एक लड़की को रेस्क्यू किया गया था जिसे घर के मालिक पीटते थे। लोहे की गर्म छड़ से दागते थे। यौन उत्पीड़न किया जाता था।
सबसे अधिक तस्करी संताल-कोल्हान में
मानव तस्करी का शिकार होने वाली ज्यादातर बच्चियां संताल और पहाड़िया जैसे आदिम जनजातीय समुदाय की होती हैं। दुर्गम इलाकों में काम की कमी होती है। ऐसे में इनके परिवारवाले भी महानगर में अच्छी नौकरी और मोटी पगार के झांसे में आ जाते हैं।
राज्य का संताल परगना और कोल्हान प्रमंडल के कुछ जिले मानव तस्करों की खास निगाह में होते हैं। स्थानीय महिला और पुरुष एजेंटों के जरिए तस्कर, लड़कियों को झांसे में लेते हैं और फिर उन्हें ले जाकर दूसरे शहरों में बेच दिया जाता है। कई बार उन्हें देह व्यापार में भी धकेल दिया जाता है।