L19 DESK : प्रवर्तन निदेशालय ने समाज कल्याण निदेशक और रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को फिर एक मई को दस्तावेजों के साथ क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। सोमवार को 10 घंटे तक हुई पूछताछ के दौरान पूर्व डीसी की सारी योजनाएं और मॉक ड्रिल फेल हो गयी। सेना के कब्जे वाली जमीन की अवैध खरीद बिक्री, चेशायर होम रोड, रानी बागान, कोकर, रिम्स के पास की जमीन को लेकर आइएएस छवि रंजन और 13 अप्रैल को गिरफ्तार आरोपियों की सामने बैठा कर पूछताछ की गयी। इसमें बड़गाई अंचल के सीओ मनोज कुमार, हल्का कर्मचारी भानू प्रताप, रिम्स के रेडियोलाजिस्ट (अब निलंबित) अफसर अली, इम्तियाज अहमद, सल्हा खान, प्रदीप बाग्ची और मो सद्दाम ने कहा कि वे डीसी साहब के आदेश पर काम करते थे।
अफसर अली ने कहा कि डीसी छवि रंजन कहते थे, बड़ा काम करो, हम बैक सपोर्ट में हैं। इन लोगों ने कहा कि डीसी बनने के बाद छवि रंजन ने राजधानी के सभी जमीन ब्रोकरों, डीलरों के साथ मीटिंग की। इसमें कोकर के बिल्डर प्रियरंजन सहाय, प्रताप राय, राजेश भल्ला, बिपीन कुमार सिंह, अफसर अली, इम्तियाज अहमद, अफसर खान, रातू रोड के कद्दावर भाजपा नेता रमेश सिंह समेत अन्य शामिल हुए। उन्होंने ही अवैध खरीद बिक्री को बढ़ावा दिया। बड़गाई अंचल के हल्का कर्मचारी भानू प्रताप ने सीधा कहा कि उपर से डीसी साहब का जो आदेश होता था, हमलोग वही करते थे।
रांची नगर निगम से फरजी होल्डिंग बना कर प्रदीप बागची को जमीन का फरजी मालिक बनाने के सवाल पर भी आइएएस छवि रंजन ने कोई जवाब नहीं दिया। इनसे रवि भाटिया समेत अन्य के बारे में भी पूछताछ की गयी। यह कहा गया कि आपके निर्देश पर मेदिका अस्पताल के पास की जमीन, रिम्स तालाब के बगल में बनाये गये अपार्टमेंट, कोकर में फिरायालाल प्रतिष्ठान के संचालकों की जमीन पर अवैध कब्जा कैसे दिलवाया। उनसे यह जानने की कोशिश की गयी कि अफसर अली, बिल्डर प्रियरंजन सहाय, रवि भाटिया, अफसर इमाम, इम्तियाज अहमद, रमेश सिंह के संबंधों के बारे में चुप्पी साध ली।