L19 Desk : अगले महीने से झारखंड सरकार 65 लाख परिवारों को एक रुपये किलो चना दाल उपलब्ध करायेगी। चना दाल नेशनल एग्रीकल्चर को-आपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नैफेड से खरीदा जायेगा। गरीब परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चना दाल दिया जायेगा। यह योजना 2022-23 की योजना है। इसको लेकर खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग की तरफ से रीवर्स ऑक्शन के जरिये चना दाल खरीदने की निविदा निकाली गयी। लेकिन आपूर्तिकर्ता नहीं मिला। अब विभाग की तरफ से राष्ट्रीय एजेंसी नेफेड से दाल खरीदने के लिए राज्य मंत्रिमंडल की सहमति लेनी पड़ेगी। नेफेड की ओर विभाग को चना दाल की आपूर्ति करने का प्रस्ताव भी मिल चुका है। नेफेड द्वारा आपूर्ति किए गए चना दाल की गुणवत्ता जांचने करने के लिए खाद्य एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय मान्यता प्राप्त लैब से जांच कराएगा। जांच पूरी होने के बाद प्रखंडों में स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदामों में चना दाल को डोर स्टेप डिलिवरी के माध्यम से जन वितरण प्रणाली दुकानदारों को आपूर्ति की जाएगी। चना दाल का वितरण दुकानदारों द्वारा ई-पॉश मशीन के माध्यम से होगा। राशन दुकानदार प्रति किलोग्राम एक रुपए लाभुक से लेगा। यह राशि दुकानदार की कमीशन होगी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार जन वितरण प्रणाली दुकानदार को कोई अतिरिक्त राशि का भुगतान नहीं करेगी।
वर्ष 2022-23 में खाद्य एवं उपभोक्ता निदेशालय ने चना दाल की आपूर्ति के लिए टेंडर निकाला था। बाजार दर से अधिक दर कोट करने के कारण समिति ने टेंडर रिजेक्ट कर दिया। दूसरे टेंडर में भी दर 88.25 रुपये प्रति किलोग्राम दाल की आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया गया, जिसे बाजार दर से अधिक पाए जाने के कारण अस्वीकृत कर दिया। इस कारण 2022-23 में चना दाल का वितरण लाभुकों को नहीं किया जा सका। नेफेड के प्रस्ताव में चना दाल की दर बाजार दर से कम है।
सरकार का दावा नैफेड से दाल खरीदने पर होगी बचत
नेफेड से दाल खरीदने पर सरकार को आर्थिक बचत भी होगी। लाभुकों को दाल देने के लिए राज्य सरकार को 436 करोड़ खर्च करना पड़ेगा। इससे सरकार को खुले बाजार की निविदा के मुकाबले करीब 98 करोड़ की हर साल बचत होगी। खुले बाजार से निविदा करने पर सरकार को एक साल में करीब 534 करोड़ रुपये सरकारी धन खर्च करना पड़ता।