L19 DESK : 60-40 की नीति से अब झारखंड सरकार के पदों व सेवाओं में नियुक्ति होगा। सोरेन सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में विधायक अंबा प्रासाद के सवाल के जवाब में यह बात स्वीकार की है। बता दे की अंबा प्रसाद ने सवाल किया था कि झारखंड में 60-40 की नियोजन नीति का व्यापक विरोध स्थानीय लोग कर रहे हैं। इस मामले में अब तक फैसला नहीं लिया गया है।
वही सरकार ने अपने जवाब में कहा कि आरक्षित कोटि के सीटों में अनुसूचित जाति के लिए 10,अनुसूचित जनजाति के लिए 26, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1) के लिए 8 व पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-2) के लिए छह प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। आर्थिक रूप से कमजोर जिसमें एसटी-एससी व ओबीसी शामिल नहीं हैं, 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसी आरक्षण के अनुरूप वर्तमान में राज्य में नियुक्ति की जा रही है। सरकार ने यह भी कहा है कि रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 के पारित होने के बाद आरक्षण में वृद्धि करेगी, यह विधायी कार्य प्रक्रियाधीन है।
बता दे कि हेमंत सोरेन सरकार द्वारा फरवरी 2020 में लाई गई नियोजन नीति को झारखंड हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया था। उस नियोजन नीति में झारखंड की थर्ड और फोर्थ ग्रेड नौकरियों में राज्य से ही 10वीं-12वीं पास करना अनिवार्य किया गया था। साथ ही झारखंड की स्थानीय भाषा, संस्कृति एवं परिवेश की जानकारी होना अनिवार्य किया गया था। हाईकोर्ट ने इसे समानता के अधिकारों के खिलाफ बताया था। ऐसे में सोरेन सरकार की 60-40 वाली नई नियोजन नीति लाई जिसका विरोध छात्रों का एक धड़ा कर रहा है।