L19 DESK : छात्र अपने दैनिक जीवन में किसी न किसी बिंदु पर तनाव का अनुभव करते हैं। तनाव के हावी होने से गंभीर स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक समस्याएँ विकसित होने का खतरा होता है। छात्रों में इस तनाव के कारण होने वाले खतरनाक प्रभावों, उनका प्रबंधन, निदानात्मक उपचार एवं उनके स्वास्थ्य और मनोदशा को बेहतर करने के उद्देश्य से ‘कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम’ के तहत राँची सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स के तत्वाधान में विवेकानंद विद्या मंदिर स्कूल में एक दिवसीय 10वाँ शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई।
‘तनाव प्रबंधन’ विषय पर आधारित 5 घंटे की एक दिवसीय इस कार्यशालामें राँची सहोदया के करीब 12 स्कूलों से आए 100 शिक्षक प्रशिक्षुओं ने हिस्सा लिया। जहाँ रिसोर्स पर्सन के रूप जया जयस्वाल और कविता मुखर्जी ने तनाव प्रबंधन के महत्वपूर्ण मुद्दों, निदानात्मक उपचार की तकनीक और अभ्यासों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तनाव की थोड़ी मात्रा अच्छी होती है, जिससे बच्चे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होते हैं लेकिन निरंतर चुनौतियों के कारण अत्यधिक तनाव मानसिक और शारीरिक क्षमता को क्षीण कर सकता है।
उन्होंने छात्रों को तनाव के कारण मस्तिष्क पर दबाव के साथ-साथ तनावपूर्ण स्थितियों में रहने वाले कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं, छोटे-छोटे क्रियाकलाप द्वारा तनाव खत्म करने के उपाय और बारीकियों से शिक्षकों को अवगत कराया। राँची सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स समूह के अध्यक्ष सह जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि छात्रों में बढ़ता तनाव और अवसाद कभी-कभी मौत का कारण बन जाती है। ऐसे में तनाव प्रबंधन जैसे संवेदनशील मुद्दे पर विचार करना परम आवश्यक है।
उन्होंने आगामी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि राँची सहोदया समूह शिक्षक और छात्रों के समृद्ध विकास के लिए 25-25 घंटे का इन-हाउस और ऑफ हाउस कार्यशाला एवं संबंधित स्कूलों के माध्यम से उत्कृष्ट शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के प्रशिक्षण, इंटर-स्कूल खेल प्रतियोगिताओं, सह-विद्यालयीय गतिविधियों आदि का आयोजन कर रहा है। इसी शैक्षणिक सत्र में प्राचार्यों के लिए 4 और शिक्षकों के लिए 10 कार्यशाला आयोजित की जाएगी जिससे 1200 शिक्षक-प्रशिक्षु लाभान्वित होंगे। अगला प्रशिक्षण तिथि 22 जुलाई को होगा जिसका विषय है – ‘हैप्पी क्लासरूम’
राँची सहोदया समूह के कोषाध्यक्ष सह फिरायलाल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य नीरज कुमार सिन्हा ने बताया कि शिक्षक के जीवन में ‘कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम’ के कार्यक्रम इतने महत्त्वपूर्ण हैं कि इन कार्यशाला में भाग लिए बिना बच्चों को पढ़ाना खाली स्टीयरिंग व्हील के बिना कार चलाने जैसा है। उन्होंने नई शिक्षा नीति – 2020 के विभिन्न बिंदुओं से भी शिक्षकों को परिचय कराया। उन्होंने कहा कि बेशक ‘तनाव प्रबंधन’ पर यह कार्यक्रम शिक्षकों को उनकी मानसिक स्वास्थ्य और अच्छे कार्य परिणाम के लिए मददगार सिद्ध होगा। उन्होंने प्राचार्या श्रीमती किरण द्विवेदी जी का आभार व्यक्त करते हुए ऑनलाइन प्रशिक्षण, वेबसाइट विकास आदि के माध्यम से सहोदया समूह के बढ़ते तकनीकी प्रगति से भी सभी को अवगत कराया।