L19 DESK : झारखंड सरकार ने पिछले साल बिजली उपभोक्ताओं के लिये सौ यूनिट फ्री बिजली व्यवस्था लागू की है ।अब तक इसके जरिए 18 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिला सका है । ऐसे में राज्य के 18 लाख उपभोक्ताओं ने सौ यूनिट फ्री बिजली का उपयोग किया है । उर्जा विभाग और जेबीवीएनएल के अनुसार, इसके लिये शर्तें भी लागू की गयी है । क्योंकि इस योजना के बाद झारखंड सरकार ने चार सौ यूनिट से अधिक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं की सब्सिडी हटा दी है ।
ऐसे में सौ यूनिट से कम उपभोग करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली दी जा रही है । जिनकी संख्या लगभग 18 लाख है। राज्य सरकार ने साल 2023-24 के लिये 2300 करोड़ का बजट आवंटन सौ यूनिट फ्री बिजली के लिये किया है। बात दें कि झारखंड सरकार के चुनाव घोषणा पत्र में सौ यूनिट फ्री बिजली की बात की गयी थी ।
किन शर्तों के साथ मिल रहा लाभ
सौ यूनिट तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को सौ यूनिट बिजली मुफ्त मिल रही है । 101-200 तक यूनिट खपत करने पर 3.50 रुपये की दर से बिजली बिल भुगतान करना होगा । पहले 4.20 रुपये प्रति यूनिट चुकाने पड़ते थे । अब इन उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 2.75 रुपये की सब्सिडी मिलेगी । इसके आलवे फिक्स चार्ज 75 रुपये लिया जाएगा । 201-400 यूनिट के उपभोग पर 4.20 रुपये प्रति यूनिट और 401 से अधिक यूनिट उठने पर 6.75 रुपये की दर से बिजली बिल निकाला जायेगा। लाभ सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं के लिये है ।
ग्रामीण उपभोक्ताओं को मिल रहा अधिक लाभ
जेबीवीएनएल के अनुसार इसका लाभ ग्रामीण उपभोक्ताओं को ज्यादा मिलेगा । इसमें लगभग 27 लाख ऐसे ग्रामीण उपभोक्ता है । ग्रामीण उपभोक्ताओं को छोड़ शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता सब्सिडी दर से बाहर निकाल सकते है । अगर ये उपभोक्ता 400 यूनिट से अधिक बिजली का उपभोग करते है तो ।
दिन के मुताबिक होती है गणना
जिन घरों में स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोड में शुरू नहीं हुआ है । वहां उर्जा मित्र मीटर रीडिंग कर रहे है । ऐसे में उपभोक्ताओं को कई बार संशय होता है कि उन्हें बिजली में मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नहीं मिल रहा है या नहीं । निगम के मुताबिक उपभोक्ताओं को इससे घबराना नहीं चाहिये । निगम ने योजना लागू करने के पहले इसकी सारी तैयारी की थी । जहां सब्सिडी तय करने से पहले ही इसकी गणना हुए थी । जिसमें दिन के हिसाब से सब्सिडी दर तय की गयी है । ऐसे में चार सौ यूनिट से अधिक बिल होने पर उपभोक्ता सब्सिडी के दायरे में आ जायेंगे । क्योंकि गणना 365 दिन को ध्यान में रख कर की जाती है । दिन बढ़ने पर पिछले महीने हुई मीटर रीडिंग को ध्यान में रखकर सब्सिडी का लाभ मिल रहा है ।