
बोरवेल एजेंसियों को गाड़ियों का निबंधन कराना जरूरी, नहीं तो होगा वाहन जब्त
L19 DESK : झारखंड के नगर निगम और स्थानीय निकायों में बिना अनुमति के डीप बोरिंग कराने पर अब जुर्माना लगेगा। ऐसा सरकार की ओर से तय किया गया है। सरकार के नगर विकास विभाग की तरफ से सभी 39 स्थानीय निकायों के विशेष कार्यपालक पदाधिकारी और नगर निगम के प्रशासकों को आदेश दिया गया है कि वे अवैध डीप बोरिंग करानेवालों पर जुर्माना लगायें।
नगर विकास विभाग की तरफ से सभी बोरवेल एजेंसियों को संबंधित स्थानीय निकायों में पंजीकृत कराने का निर्देश भी दिया गया है। राज्य के शहरों में बिना अनुमति के डीप बोरिंग करनेवालों पर पांच से 10 हजार का जुर्माना लगाया जायेगा। वैसी बोरवेल एजेंसियां जो बिना निबंधन के ही बोरिंग करेंगी, उनके वाहनों को जब्त करते हुए 25 हजार रुपये तक का फाइन लगाया जायेगा। सरकार के आदेश में कहा गया है कि निकायों को इस संबंध में सख्ती उठानी होगी।
स्थानीय निकायों में बोरिंग से पहले एक हजार रुपये के शुल्क के साथ आवेदन देना जरूरी किया गया है। झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के तहत डीप बोरिंग कराने को गैर कानूनी और दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। स्थानीय निकायों में बोर वेल एजेंसियों को 4.75 इंच का बोरिंग कराने के लिए 25 हजार रुपये का निबंधन शुल्क देना होगा। एक साल के लिए यह निबंधन वैलिड रहेगा।
राज्य में भीषण गरमी को देखते हुए लोग करा रहे अंधाधूंध बोरिंग राज्य में भीषण गरमी को देखते हुए लोग अंधाधूंध बोरिंग करा रहे हैं। राजधानी के एक दर्जन से अधिक हिस्सों को ड्राइ जोन घोषित भी किया जा चुका है। इन इलाकों में हरमू, रातू रोड, कांके, मोरहाबादी, डोरंडा, हुंडरू तथा अन्य इलाके शामिल हैं।
यहां पर अब एक हजार फीट पर भी लोगों को स्वच्छ पीने का पानी नहीं मिल रहा है। राजधानी रांची में औसतन 50 से 60 बोरिंग रोजाना हो रही है। नगर निगम की टीम की तरफ से बोरिंग करानेवाले लोगों पर सख्त कार्रवाई तक नहीं की जा रही है।
