L19/Ranchi : 22 फरवरी से 3 मार्च तक चलने वाला पर्यावरण मेला शुक्रवार को संपन्न हो गया। 10 दिनों तक चले इस मेले में हजारों लोग आए। पर्यावरण जैसे गंभीर विषय को समझने का लोगों ने प्रयास किया। कई स्टॉल भी मेला परिसर में लगाए गए थे। युगांतर भारती और नेचर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस मेले में हर दिन लोगों की भीड़ लगी ही रही। इन 10 दिनों में नाटक, गायन, लेक्चर होते रहे। इसके साथ ही लोगों ने खरीदारी और भोजन का भी आनंद लिया।
पर्यावरण मेला के आयोजन सचिव अंशुल शरण ने बताया कि यह मेला सफल रहा। विधायक सरयू राय इसके संरक्षक है और हम लोगों ने उनके नेतृत्व में काम किया। हम लोगों ने जैसी उम्मीद की थी, मेला उससे बेहतर रहा। बीते कल नाटक ‘सैंया भय कोतवाल’ को देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। कुर्सियां कम पड़ गईं। लोगों को नाटक खड़े-खड़े देखना पड़ा। हमें इसका खेद है। हमें उम्मीद नहीं थी कि भीड़ इस तादाद में आएगी।
उन्होंने कहा कि युगांतर भारती 1996 से ही कार्यरत है। पहले इसका मुख्यालय पटना में था। 2000 में जब झारखंड बना तो हम लोगों ने झारखंड में ही इसके माध्यम से काम करना शुरू कर दिया। नामकुम, राँची में हमारा लैब भी है। हम लोग पर्यावरण के लिए काम करते हैं। जनसहयोग से हमारा काम चल रहा है। इतना बड़ा मेला इसलिए सफल हो गया, क्योंकि हम लोगों को समाज के हर वर्ग ने सहयोग दिया।
साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोग कई साल से दामोदर नद को स्वच्छ करना चाहते थे। हम लोगों ने काफी मेहनत भी की। लोगों का भी सहयोग मिला। हम लोगों ने सबसे पहले दामोदर आरती (वंदना) शुरू की थी। गंगा आरती तो लोगों ने बाद में शुरू किया। जो औद्योगिक कचरा दामोदर में जाता था, उसमें से 95 फीसदी हम लोगों ने रोक दिया। अब उनका निस्तारण कहीं और होता है। हम लोग बोकारो में दामोदर पर और काम कर रहे हैं। कोई 5 प्रतिशत का इलाका ऐसा है, जहां दामोदर का पानी थोड़ा-थोड़ा लाल रंग का आ रहा है, उसे भी हम लोग देखेंगे। वैसे सरकार से हम लोगों ने कह दिया है कि ये आपके स्तर का काम है। हमारे स्तर का हम लोगों ने कर लिया है। अगर एसटीपी (सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लग जाएगा तो जो भी मल-मूत्र सीधे दामोदर में जाता है, वह नष्ट हो जाएगा।
आयोजन सचिव ने बताया कि पर्यावरण को बचाना हम सभी का दायित्व एवं कर्तव्य है। हम लोग अपने एनजीओ के माध्यम से जो कर रहे हैं, वह तो कर ही रहे हैं, इसमें जन सहयोग की भी हर वक्त जरूरत रहती है। लोगों को चाहिए कि वे ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं, जानवरों की रक्षा करें, प्लास्टिक आदि से दूर रहें। हम सबको पता ही है कि धरती का तापमान दो डिग्री बढ़ गया है। वातावरण में गजब का चेंज आ रहा है। फरवरी में ही लोग गर्म कपड़े फेंक चुके हैं। ये जो क्लाइमेट चेंज है, यह कहीं से भी ठीक नहीं है। इस पर चिंता करने की बजाए इस पर सुधार का कार्यक्रम चलाना चाहिए।
पर्यावरण मेले में बीते 10 दिनों में गंभीर चिंतन और सांस्कृतिक संध्या में राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, हास्य कवि पदम अलबेला, रीसाइकिलिंग एसोसिएशन के राजेंद्र शर्मा, विटी रिसर्च फाउंडेशन के चेयरमैन कुंदन के लाल समेत रांची के नाटककार संजय लाल, बिहार की लोकगायिका सुलेखा रमैया, अखिलेश द्विवेदी, खुशबू शर्मा ने मेले में अपना परफार्मेंस दिया।