L19/RANCHI : रांची स्थित तुपूदाना ओपी अंतर्गत नामकुम अंचल के बेरमाद मौजा एक बार फिर चर्चा मे आ गया है। बेरमाद के ग्रामीण पिछले एक सप्ताह से तथाकथित गैरमजरूआ जमीन को हड़पने वाले बिचौलिये पवन कुमार कच्छप जो एक सरकारी पेशकार भी हैं, साथ ही लक्ष्मण कच्छप जो मुख्यमंत्री सचिवालय मे कर्मचारी हैं के साथ प्रदीप कच्छप, महादेव कच्छप, प्रकाश कच्छप और पितांबर कच्छप के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। बताते चले कि बिगत कुछ दिनों पहले ग्रामीणो को भनक लगती है कि गाँव के खाता नंबर 50 जो गैरमजरूआ खास जमीन है को गलत तरीके से बलराम महतो के नाम पर पंजी 2 मे चढ़ाया गया है, जिसे अब बेचने के फिराक मे हैं। इस संबंध मे शनिवार,रविवार लगातार दो दिनों से आसपास के ग्रामीणों ने एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक मे ग्राम सभा द्वारा तय करके शनिवार को उक्त भूमि पर मसना लिखा साइनबोर्ड और सरना झण्डा लगाया गया। रविवार सुबह पवन कच्छप और उनके गुट ने उस भूमि पर लगी साइनबोर्ड और सरना झण्डा को उखाड़कर फेक दिया और ग्रामीणों को धमकी दी गई कि भी ज्यादा विरोध करने पर जेल भेज देंगे और साथ ही दावा कर रहे हैं कि उक्त जमीन उनकी है।
आइये बताते हैं आखिर पवन कुमार कच्छप कौन हैं और इससे ग्रामीण क्यूँ नाराज हैं?
ग्रामीणो पर धौंस दिखाकर भूमाफ़िया गैरमजरूआ जमीन को हड़पने का चला रहे हैं खेल
L19/RANCHI : रांची स्थित तुपूदाना ओपी अंतर्गत नामकुम अंचल के बेरमाद मौजा एक बार फिर चर्चा मे आ गया है। बेरमाद के ग्रामीण पिछले एक सप्ताह से तथाकथित गैरमजरूआ जमीन को हड़पने वाले बिचौलिये पवन कुमार कच्छप जो एक सरकारी पेशकार भी हैं, साथ ही लक्ष्मण कच्छप जो मुख्यमंत्री सचिवालय मे कर्मचारी हैं के साथ प्रदीप कच्छप, महादेव कच्छप, प्रकाश कच्छप और पितांबर कच्छप के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। बताते चले कि बिगत कुछ दिनों पहले ग्रामीणो को भनक लगती है कि गाँव के खाता नंबर 50 जो गैरमजरूआ खास जमीन है को गलत तरीके से बलराम महतो के नाम पर पंजी 2 मे चढ़ाया गया है, जिसे अब बेचने के फिराक मे हैं। इस संबंध मे शनिवार,रविवार लगातार दो दिनों से आसपास के ग्रामीणों ने एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक मे ग्राम सभा द्वारा तय करके शनिवार को उक्त भूमि पर मसना लिखा साइनबोर्ड और सरना झण्डा लगाया गया। रविवार सुबह पवन कच्छप और उनके गुट ने उस भूमि पर लगी साइनबोर्ड और सरना झण्डा को उखाड़कर फेक दिया और ग्रामीणों को धमकी दी गई कि भी ज्यादा विरोध करने पर जेल भेज देंगे और साथ ही दावा कर रहे हैं कि उक्त जमीन उनकी है।
आइये बताते हैं आखिर पवन कुमार कच्छप कौन हैं और इससे ग्रामीण क्यूँ नाराज हैं?
ये बेरमाद गाँव में रहते हैं और इनके पिता वंशावली के अनुसार बलराम महतो हैं, जिनके नाम पर खाता 50 के प्लाट संख्या 31 और 33 की 3.27 एकड़ ओर 2.33 एकड़ कुल रकबा 4.90 एकड़ गैरमजरूआ जमीन 1988-89 में बंदोबस्त की गयी थी। अब गांव वाले इस जमीन पर मसना और धार्मिक स्थल बनाना चाहते हैं। परंतु पवन कुमार कच्छप ग्रामीणों को यह धौंस दिखाते हैं कि वे रामगढ़ व्यवहार न्यायालय में पेशकार हैं। दूसरी तरफ लक्षमण कच्छप के बारे में भी यह डींगे हांकते हैं कि वह सीएम सचिवालय में है, ग्रामीण उनका कुछ उखाड़ नही सकते हैं।
ग्रामीणों का एक और आरोप यह है कि इन दोनों कच्छप भाइयों ने गांव के भोले भाले रैयतों के खाता नंबर 21, 30, 53, 18, 36, 37, 3, 65 कुल रकबा 42 एकड़ से अधिक जमीन को गलत तरीके से पंजी 2 में बलराम महतो के नाम पर दर्ज कराकर बिल्डरों तथा डेवलपरों को बेचने का काम कर रहे है। ये इतने चालक है कि रैयतों के वंशावली में खुद को वंशज बनाकर अपने पिता जी का नाम पंजी 2 में दर्ज करा लेते है और वंशज बनकर जमीन को बेचने का काम करते है। ये नामकुम अंचल के कर्मियों के साथ मिलकर जमीन की बंदोबस्ती खुद अपने पिता के नाम, सुखराम महतो , बालकराम महतो , बलराम महतो , घुटरू महतो वैगरा के नाम से ऑनलाइन पंजी-2 में रैयती जमीन को अपने नाम से करा लिए हैं। कहा जाये तो पवन कुमार कच्छप और उनके बंधुओं ने सरकारी पद और सरकारी पहुँच का गलत इस्तेमाल करके 80 करोड़ से 1 अरब रुपये से अधिक की जमीन का हेरफिरी किया है, जो जांच का बिषय है। एक तरह से कहा जाए तो बेरमाद और आसपास इयलकों मे अब इनकी हैसियत काफी बढ़ गयी है और ये जिला प्रशासन को अपनी मुट्ठी में रखने की धमकी देते भी देते हैं।
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि ये इस गाँव के स्थायी निवासी नही हैं। इनके बाप-दादा मसालों का व्यापार करने इस गाँव मे आए थे तब ग्रामीणों ने इन्हे गाँव मे रहने का पनाह दिया था। आज ये उन्ही ग्रामीण रैयतों के जमीन को लूटने का काम कर रहे है। लोकतंत्र 19 की टीम रविवार को घटना स्थल यानी बेरमाद पहुंच कर सारे प्रकरण को कैमरे में कैद किया है और बहुत जल्द ही हमारी टीम और तथ्यों को उजागर करेंगे और यह बतायेंगे कि कैसे जमीन माफिया रिंग रोड के आस-पास की जमीन को हथिया कर उसे ऊंचे कीमतों पर बेचने का षड़यंत्र रच रहे हैं।