L19/Ranchi : कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बन्धु तिर्की ने कहा है कि लगातार आदिवासी समाज की आबादी घट रही है। राज्य में 32 आदिवासी समुदाय हैं। कई बार हुए जनगणना से यह पता चलता है कि 32 प्रतिशत से ये आंकड़ा घटा है। कई जनजातियों को टाइपिंग एरर की वजह से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। चिक-बड़ाइक इसका बड़ा उदाहरण है।
मुंडा जाति की पहली उपजाति भुईंहर जाति थी। इनको आदिवासी की सूची से हटा दिया गया है। बजट सत्र में भी यह मामला आया था। राज्य सरकार ने इस गलती को दूर करने की बात कही है।
भुईंहर मुंडा जाति की कुल आबादी 4 लाख है। ये मुख्यतः राज्य के बॉर्डर इलाकों में पाये जाते हैं। इनको ब्राह्मण भूमिहार से जोड़ा गया है। इनके अलावा भी ऐसी कई जातियां जनजाति सूचि से परे होकर इसका खामियाजा भुगत रही हैं।
उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार आदिवासियों के हित में बड़ी-बड़ी बात करती है। केंद्र को राज्य की रिपोर्ट पर गंभीरता से पहल करनी चाहिए। भाजपा के नेता न तो आदिवासी समाज पर ध्यान नहीं देते हैं, और न ही सदन में इनकी बातों को रखते हैं। केंद्र की ओर से इन्हें वापस से सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है।
बंधु तिर्की ने केंद्र के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा आदिवासियों को ब्राह्मण भूमिहार बताया जाना बेहद दुखद बताया है। इस संबंध में उन्होंने केंद्र से तत्काल निर्णय की मांग की है। साथ ही, जस्टिस लोकुर कमिटी के रिपोर्ट पर काम करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने राज्य में जातिगत जनगणना को ज़रुरी करार देते हुए मुख्यमंत्री से इस तरह के जाति विवाद पर हस्तक्षेप की मांग को लेकर पत्र भी लिखा है। साथ ही, हर राजनीतिक दल को दरियादिली दिखाने की अपील की है।