L19 DESK : प्राइवेट स्कूलों में चल रहे गाड़ियों पर शिकंजा कसने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयारी में है। सुरक्षा मानकों समेत स्कूल गड़िया किस हालत में है इसकी भी जांच होगी। प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्यों की पत्र भेजा जायेगा जिसमें सारे स्कूल गाड़ियों की सूची जमा करने को कहा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक जिला परिवहन कार्यालय को लगातार इसकी सूचना मिल रही है कि बच्चें जिस स्कूल गाड़ियों में स्कूल जा रहे हैं उसकी स्थिति काफी जर्जर है। वैन का दरवाजा भी ठीक तरह से बंद नहीं हो पाता है। जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश सूचना को लेकर काफी गंभीर है, उन्होंने कहा कि टीम गठित कर जल्द ही इसकी जांच की जाएगी। जर्जर वैन मिलने पर वाहन मालिक और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला परिवहन पदाधिकारी ने कहा कि जल्द ही स्कूल प्रबंधनों के साथ बैठक कर व्यवस्था पर भी बात की जाएगी।
जर्जर होने तक खुद इस्तेमाल करते हैं इसके बाद स्कूल को दे देते हैं
अमूमन स्कूल में संचालित होने वाले वैन किसी के निजी वाहन होते हैं। जो जर्जर होने तक खुद इस्तेमाल करते हैं इसके बाद स्कूल को दे देते हैं। उसी वैन में छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल लाया और ले जाया जाता है। गर्मी के दिनों में बच्चों को बैठाया जाता है। जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है।
बच्चों की सुरक्षा के साथ कर रहे हैं खिलवाड़
स्कूल वैन ही नहीं टाटा मैजिक, विंगर और ऑटो, सभी में नियमों का उल्लंघन कर क्षमता से ‘अधिक बच्चों को बैठाया जाता है। इससे बच्चों को काफी परेशानी होती है, लेकिन अधिक पैसे कमाने के लालच में निजी स्कूली वाहन चालक बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं।
क्या है सुरक्षा के मानक
स्कूल बसों व वैन के लिए सुरक्षा के मानक तय हैं। सुरक्षा मानको का विवरण इस प्रकार है
- स्कूल वाहन का रंग सुनहरा पीला हो, उस पर दोनों ओर और बीच में चार इंच मोटी नीले रंग की पट्टी हो।
- वाहनों में स्पीड अलार्म लगा हो, ताकि स्कूल संचालक को वाहन की गति का पता चल सके।
- पांच साल के अनुभव वाले चालकों से ही स्कूल वाहन परिचालन की अनिवार्यता।
- स्कूल वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था हो।
- सेफ्टी के लिए बस के शीशे पर लोहे की रेलिंग लगी हों।
- अटेंडेंट यानी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस, आईकार्ड और वाहन के कागजात होने चाहिए।
- वाहन पर स्कूल का नाम, प्रबंधक और प्रिंसिपल का पता व फोन नंबर होना चाहिए।
- स्कूल वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट होना जरूरी है।