L19 DESK : ईडी द्वारा भेजे गये समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रिट याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में मामले की सुनवाई होगी। इससे पहले 15 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होनी थी अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए एक सप्ताह के लिए मामले को टालने का आग्रह किया था। जिसे कोर्ट स्वीकार कर लिया था।
बता दे की प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से बचने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शीर्ष अदालत में किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री की तरफ से इडी के पूछताछ से संबंधित समन को चुनौती देनेवाली याचिका में कहा है कि इडी पूछताछ के दौरान किसी को भी गिरफ्तार कर लेती है। यह उनका अधिकार है। इसलिए पूछताछ के दौरान हमेशा गिरफ्तारी का भय सताता रहता है। दायर किये गये पिटीशन में ईडी की गतिविधि को राजनीतिक कारणों से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने वाली कार्रवाई बताया गया है।
मुख्यमंत्री ने अपनी याचिका में कहा है कि ईडी को पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है, जिससे मानसिक भय बना रहता है। ईडी की गतिविधियां राज्य की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करनेवाली कार्रवाई की तरह प्रतीत होती हैं। ऐसे में याचिकादाता का यह अधिकार है कि उसे बताया जाये कि उससे किस कथित अपराध के सिलसिले में साक्ष्य देने की जरूरत है।
याचिकादाता को झूठे और मनगढ़ंत मामले में हिरासत में लेने की धमकी देकर सत्ताधारी दल से हाथ मिलाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। दायर याचिका में कहा गया है कि पीएमएलए-2002 की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती दी गयी है।याचिका में कहा गया है कि पीएमएलए का यह प्रावधान संविधान द्वारा दिये गये मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।